मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में कर्मचारी-अधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, व्यापारी भी उठा सकते है ये कदम

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश के नए मॉडल मंडी एक्ट के विरोध के चलते प्रदेश की मंडियों के हजारों कर्मचारी और अधिकारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। मिली जानकारी के मुताबिक मंडियों के निजीकरण और उपमंडियो के निर्माण की बात मंडी कर्मचारियों को रास नहीं आ रही है, जिसके चलते संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड भोपाल के आह्वान पर प्रदेश की अधिकतर मंडियों में शासकीय कार्य ठप पड़ गया है। मंडी बचाओं अभियान के जरिये हाल ही में प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपकर मंडी के मॉडल एक्ट का विरोध कर कर्मचारियों व अधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा था। जिसके बाद आज से मंडी के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर चले गए है। संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने व्यापारियों सहित अन्य सहयोगियों से भी साथ देने की अपील की है।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।