इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिला जेल प्रबंधन ने विचारधीन और सजायाफ्ता कैदियों के लिए एक सरहानीय पहल की है। यहां महिला कैदियों को खास तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। जिससे वह जेल में सजा पूरी होने के बाद बाहर जाकर अपने रोजगार के लिए फिर किसी आपराधिक गतिविधियों में मुल्लविज न हों। इन महिला कैदियों में कुछ विदेशी महिलाएं भी शामिल हैं। प्रबंधन की ओर से इन महिला कैदियों को गाड़ियों की मैकेनिक की ट्रेनिंग दी जा रही है।
जेल प्रबंधन द्वारा दो महीने का कोर्स करवाया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद इन महिला कैदियों की परीक्षा भी करवाई जाएगी। जो इस परीक्षा को पास करेंगी उनको प्रमाण पत्र दिया जाएगा। साथ ही जेल प्रबंधन इनकी नौकरी भी लगवाने में मदद करेगा। इससे पहले भी कई तरह की ट्रेनिंग देने के लिए जेल में प्रयास किए गए हैं। इनमें ब्लॉक प्रिंटिंग, बेकरी आइटम निर्माण संबंधी काम की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। महिला कैदी दिल्ली में लगे हैंडीक्राफ्ट मेले में 25 हजार का सामान बनाकर बेच भी चुकी हैं।
दरअसल, जेल में कैदियों को अपराध के बाद सुधार के लिए भेजा जाता है। जहां वह अपने अपराध का पश्चाताप करना सीखते हैं। इंदौर जेल में कैदियों को सुधार के साथ ही रोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है। यहां बीते दो दिन से दो और चार पहिया वाहन सुधारने की क्लास चल रही है। दो घंटे की ट्रेनिंग सेशन में 20 महिला कैदी मैकेनिक बनने का प्रशिक्षण ले रही हैं।