इंदौर।स्पेशल डेस्क रिपोर्ट
इंदौर में मंगलवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ जिसके बाद इंसानियत कोरोना के खौंफ का आगे शर्मसार होती नजर आई। दरअसल, शहर की कमला नेहरू कालोनी में रहने वाले 55 साल के मजदूर पांडुराव चांदने की बीते कुछ दिनों से तबीयत खराब चल रही थी जिसके बाद उसे अलग अलग अस्पताल में ले जाया गया जहां से उसे एम. वाय.भेजा गया। जहां उसका उपचार कर उसे घर भेज दिया गया लेकिन मंगलवार को अचानक पांडुराव की तबीयत बिगड़ने लगी और सांस लेने में भी तकलीफ हुई। तब भाई दिलीप चांदने उसे नजदीक स्थित क्लॉथ मार्केट अस्पताल ले गया जहां उसे लेने से मना कर सीधे एम.वाय. ले जाने को कहा गया।
इसके बाद परिजनों ने एम्बुलेंस से बात की तो गम्भीर मरीज देख प्रबंधन ने उसके लिए भी मना कर दिया। इसके बाद पांडुराव को गम्भीर हालत में दोपहिया वाहन पर एम.वाय. ले जाया गया और इस बीच पांडुराव ने दम तोड़ दिया वही एम. वाय. प्रबंधन को पार्किंग से मौत की सूचना दी गई तो वही से उसे घर ले जाने का फरमान जारी कर दिया गया। मृतक के भाई दिलीप के मुताबिक दर – दर भटकने के बाद भी कोई जिम्मेदार नही मिला। लिहाजा ऐसे में भाई और परिजन उसे घर ले गए और इस मामले की सूचना भी सबको दी गई आखिर जब देर तक कोई नही आया तो शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
दरअसल इस पूरे मामले में सवाल ये उठ रहे है कि क्या मृतक मजदूर कोरोना संदिग्ध था फिलहाल इसका जबाव किसी के पास नही है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि मरने वाले की मौत कोरोना वायरस के चलते हुई है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो उसके परिवार अन्य लोगों के लिए भी यह एक बड़ा खतरा है साथ ही उन लोगों के लिए भी खतरे की घंटी है जो यह उम्मीद लगा कर बैठे हैं इमरजेंसी होने पर उन्हें एंबुलेंस मिल जाएगी।