इंदौर| आकाश धोलपुरे| इंदौर के कुटुंब न्यायालय में चल रहे भरण पोषण के एक मामले में पति की ओर से अनूठा आवेदन पेश किया गया है। यहां आनंद शर्मा नामक पति के विरुद्ध उसकी पत्नी ने भरण पोषण का केस लगा रखा है, जिस पर 12 मार्च को कोर्ट ने आदेश दिया कि वह पत्नी को 3 हजार और अव्यस्क पुत्री के भरण पोषण हेतु डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह अदा करें। इस पर आनंद शर्मा ने कोर्ट में जो जवाब दिया वो चर्चा में आ गया है|
अपना जवाब पेश करते हुए आनंद शर्मा ने कोर्ट को बताया कि वह टेलीविजन धारावाहिक में छोटे-मोटे काम करके हर माह 5-6 हजार रुपये ही कमा पाता है। ऐसे में वह उक्त भरण-पोषण की राशि अदा करने में असमर्थ है क्योंकि वह जो राशि कमाता है उससे उसका व उसके माता पिता का खर्च वहन करना ही मुश्किल है। पति आनन्द ने अपने जवाब में कहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने घोषणा पत्र में यह कहा है कि उनकी सरकार आने पर बेरोजगार व्यक्ति को 6 हजार रुपये महीना सरकार की ओर से दिया जाएगा। पति आनंद ने कहा कि वह यह अंडरटेकिंग देता है कि जैसे ही उसे उक्त 6000 रुपये की राशि सरकार से मिलने लगेगी वह उसमें से साढ़े चार हजार भरण पोषण की राशि अपनी पत्नी व बच्ची को देना शुरू कर देगा। उसने गुहार की है कि तब तक भरण पोषण की उक्त राशि अदा करने का आदेश स्थगित रखा जाए। कोर्ट ने पति के इस जवाब पर बहस के लिए आगामी 29 अप्रैल तय की है। आनंद ने बताया कि उसका विवाह 2006 में हुआ था। शादी के कुछ दिन बाद ही पति-पत्नी में विवाद शुरू हो गया। इस पर दीपमाला ने केस दायर किया है।
यह दिया जवाब
बेरोजगार हूं, पत्नी-बेटी के भरण-पोषण के लिए कोर्ट ने हर महीने साढ़े चार हजार रुपए देने का आदेश दिया है। मैं यह रकम नहीं दे सकता। राहुल गांधी ने घोषणा पत्र में वादा किया है कि उनकी सरकार बनी तो हर बेरोजगार के खाते में हर महीने छह हजार रुपए आएंगे। मैं पूरे होशोहवास में लिखकर देता हूं कि राहुलजी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जो राशि मुझे दी जाएगी, उसमें से साढ़े चार हजार रुपए हर महीने पत्नी को दे दूंगा। कोर्ट चाहे तो बेरोजगारी भत्ते की रकम में से भरण-पोषण की रकम सीधे पत्नी के खाते में जमा करने का आदेश दे सकती है।
यह की थी घोषणा
पिछले दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यूनतम गारंटी योजना का ऐलान किया था। इसके तहत उन्होंने गरीब परिवारों को हर महीने 6 हजार रु. न्यूनतम आय देने का वादा किया है। उन्होंने इस योजना को ‘न्याय’ नाम दिया है। चुनावी दौर में यह घोषणा चर्चा में है| कांग्रेस जहां इसे बड़ा फैसला बता रही है, वहीं भाजपा ने इसे जुमला बताया है|