इंदौर। शहर के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर की दान राशि पर आयकर विभाग ने नकेल कस दी है। जिसके लिए बकायदा आयकर विभाग ने मंदिर की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रशासन को नोटिस भेज दिया है। हालांकि आयकर विभाग के नोटिस के बाद कई पेंच उलझे हुए नजर आ रहे है।
दरअसल, इंदौर स्कीम नम्बर 71 स्थित 132 साल पुराने रणजीत हनुमान मंदिर की देख रेख व्यास परिवार करता है, जिसमें उनकी पांचवी पीढ़ी मंदिर में सेवा कार्य और पूजन व्यवस्था संभालती है। मंदिर के पुजारी दीपेश व्यास की माने तो मंदिर में चढ़ावे के तौर पर 14 से 15 दान पेटियों में हर माह 6 से 7 लाख नकद राशि आती है। वही दूसरी और कुछ भक्त मंदिर में गेहूं, चावल, तेल सहित अन्य खाद्य सामग्री भी भेंट करते है, जिनका उपयोग मंदिर में स्थित अन्न क्षेत्र में किया जाता है। जहां निर्धन, वृद्धजन और भक्तों सहित कुल 500 लोग प्रतिदिन भोजन करते है। वही मंदिर की दान पेटियां, प्रशासन और भक्तों मौजूदगी में हर डेढ़ माह में खोली जाती है। उन्होंने ये भी बताया कि वर्ष 2005 से जिला प्रशासन मंदिर की देख रेख कर रहा है। ये ही वजह है कि भगवान हनुमान के मंदिर की आय को लेकर कुछ समय पहले आयकर विभाग के अधिकारियों ने गणना की थी और अब मंदिर के प्रशासक नियुक्त किये गए एसडीएम रवि कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए कुछ समय पहले आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है, जिसके बाद पत्राचार के माध्यम से कई दफा आयकर विभाग को प्रशासन ने दलील दी है। ऐसे में 13 दिसम्बर को नोटिस के मामले में वे मुख्य आयकर आयुक्त के सामने मय प्रमाण तथ्य रखेंगे।