इंदौर, आकाश धोलपुरे। इंदौर (indore) में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) द्वारा जारी प्रक्रिया के नेशनल सर्विस ऑफ इलेक्ट्रॉनिक ट्रेकिंग एंड प्रोसेस (national service of electronic tracking and process) के तहत आने वाले एक सप्ताह में ई-कोर्ट प्रोजेक्ट (e-project) की शुरुआत हो जाएगी। सोमवार को इंदौर नोटिस, समन घर तक पहुंचाने वाले प्रोसेसर यानी कोर्ट के कर्मचारियों को ई – क्रांति से जोड़ने के लिए मोबाइल हैंडसेट दिए गए है। जिसका सीधा मतलब है कि यदि किसी के घर पर कोई नोटिस या समन भेजा जाता है तो उसकी तामीली के लिए पुख्ता तौर पर ई – सबूत न्यायालय के पास रहेगें ताकि कोई भी किसी भी माध्यम से बरगलाने की स्थिति पैदा न कर सके।
दरअसल, जिला कोर्ट में बार काउंसिल सभागृह में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सभी प्रोसेसर (कोर्ट के नोटिस पहुंचाने वाले कर्मचारी) को मोबाइल हैंडसेट और तकनीकी जानकारी दी गई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार पालीवाल ने बताया कि आज एन स्टेप के तहत अभी तक नोटिस और समन के मामले में ई – क्रांति की शुरुआत है। सभी प्रोसेस सर्वर को उसी के तहत मोबाइल दिए गए है। अब जब भी कोई प्रोसेस सर्वर किसी भी व्यक्ति को या उसके विरूद्ध कोई नोटिस या समन जारी हुआ है उसकी तामीली कराने के दौरान उसकी प्रति वो सम्बंधित व्यक्ति को देगा और हस्ताक्षर व फ़ोटो लेगा।
इस दौरान व्यक्ति की पहचान को लेकर कोई सवाल उठता है तो उस व्यक्ति को ये भी स्पष्ट करना होगा कि उसको ये किस व्यक्ति ने बताया कि ये व्यक्ति वही है। उन्होंने बताया कि ये प्रक्रिया अगले एक हफ्ते में शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि कई जिलों में इस तरह से प्रोसेस शुरू भी हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के चेयरमैन माननीय न्यायमूर्ति वाय. वी.चंद्रचूड़ साहब ने इसका उद्धघाटन किया था। वही उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में गलती की संभावना बहुत कम होगी और कोई गलती जानबूझकर की जायेगी तो उसका डेटा रहेगा।