इंदौर, आकाश धोलपुरे। आर्थिक राजधानी से अभी कोरोना संकट टला नहीं है और ये ही वजह है कि इस बार अनलॉक हुए इंदौर में लोग पहले के मुकाबले अनुशासित और नियमों का पालन करते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि आर्थिक गतिविधियों के सुचारू रूप से शुरू होने में अभी वक्त लगेगा, वहीं प्रशासन ने कुछ हद तक थोक व्यापारियों को राहत दी है।
दरअसल, दो महीने लम्बे लॉकडाउन के बाद मध्य क्षेत्र के चार व्यापारी संगठनों के लिए राहत भरी खबर ये है कि होलसेल व्यापारी 7 जून से तीन दिन तक अपना माल डिस्पेज कर सकेंगे। माल डिलीवरी की समय अवधि 4 घंटे रहेगी। यह अनुमति कपड़ा, रेडीमेड, सराफा और इलेक्ट्रानिक दुकानें के होलसेल कारोबारियों को मिली है। दुकानों पर ग्राहक पाए गए तो संस्थान सील कर दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार किसी भी तरह की लापरवाही या निर्देश के उल्लंघन पर दुकानदार पर कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करने की कार्रवाई की जाएगी। माल डिस्पेज की अनुमति के लिए एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर मनीष सिंह से मिला था। सभी व्यापारी सुबह 9 से दोपहर एक बजे तक माल डिस्पेज कर सकेंगे। इसके बाद दुकान बंद करना होगी। फरवरी में आगामी मांगलिक, धार्मिक आयोजन, तीज त्यौहारों को देखते हुए मध्य क्षेत्र के कपड़ा, सराफा, रेडिमेड गारमेंट्स, इलेक्ट्रानिक कारोबारियों ने बड़ी मात्रा में लाखों का माल दुकान में स्टॉक कर लिया था। फरवरी माह के अंत में ग्राहकी भी अपेक्षाकृत अधिक थी। इससे उम्मीद बंधी थी कि पिछले साल के कोरोना संक्रमण के चलते 700 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था। इस साल नुकसान की भरपाई की आस लगाई जा रही थी। थोक व्यापारियों का कहना है कि पिछले 2 माह से काफी सारा कपड़ा व अन्य सामान दुकानों सहित गोडाउन में पड़ा हुआ है। चूहे सहित अन्य कारणों से खराब होने की आशंका बनी हुई थी, जिससे कि काफी बड़ा नुकसान हो सकता था। इन्हीं सब कारणों को लेकर पिछले दिनों क्राइसिस कमेटी से दुकानें खोलने का आग्रह किया गया। जिसे मानकर अब 4 घंटे की छूट दी गई है, जिससे कि हम अब अपनी दुकानों पर काम कर सकेंगे और जल्द ही जीएसटी और रिटर्न की फाइल का कार्य समाप्त कर सकेंगे।
अप्रैल से जून तक शादी व तीज त्यौहारों के दिन रहते हैं। ऐसे में बाजार में रोजाना ग्राहकी उमड़ती है। अप्रैल में कोरोना के पीक पर आने के बाद प्रशासन ने दुकानों को तालाबंदी कर दी। इसके बाद व्यापारी लगातार दुकान खोलकर ऑर्डर पर माल को डिस्पेज करने की मांग प्रशासन से करते रहे, लेकिन प्रशासन ने सिरे से नकार दिया। अप्रैल-मई में व्यापारियों का बजट पूरी तरह गड़बड़ा गया। एक जून को कलेक्टर ने 40% से अधिक बाजार को अनलॉक करने के आदेश दिए थे। इसके बाद से मध्य क्षेत्र के व्यापारी लगातार इस कवायद में थे कि उनकी भी चिंता प्रशासन करेगा। लेकिन चार दिन गुजरने तथा मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होने से उन्होंने कलेक्टर से मिलकर अपनी पीड़ा व्यक्त करने की योजना बनाई। शुक्रवार दोपहर को चारों एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कलेक्टर से मुलाकात की। इस मुलाकात का सकारात्मक परिणाम सामने आया है।
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श्रुति कुशवाहा
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।