Indore News: इंदौर (Indore) स्वच्छता के मामले में तो देश का नंबर वन शहर है लेकिन वायु प्रदूषण के मामले में यहां की हालत बहुत ही खस्ता है। शहर का प्रशासनिक खेमा लगाता प्रदूषण के स्तर को नियंत्रण में रखने की कोशिश में जुटा हुआ है। शहर की होटलों में तंदूर में रोटी बनाना जहां बंद करवा दिया गया है। वहीं नगर निगम अब खुद भी प्रदूषण रोकने के लिए कदम उठाने जा रहा है। इस कड़ी में अब ठंड में शहर में जलाए जाने वाले सरकारी अलाव में लकड़ी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। यहां बिजली से अलाव की व्यवस्था की जाएगी।
शहर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। आज इस कमेटी की बैठक संभागायुक्त की ओर से ली गई, जिसमें अब तक किए गए उपायों पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान नगर निगम, बिजली कंपनी, परिवहन, नगर और ग्राम निवेश सहित अन्य विभागों को अपने स्तर पर वायु प्रदूषण रोकने के उपाय करने के निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान इंदौर के आसपास के क्षेत्रों में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने का मुद्दा भी सामने आया। जिसे लेकर संभागायुक्त ने कहा कि किसानों को इस बारे में समझाइश दी जाए। इसके अलावा कमेटी ने बताया कि सराफा और मेघदूत मार्केट पूरी तरीके से भट्टी फ्री हो चुका है। इसी के साथ शहर के 448 रेस्टोरेंट में तंदूर का उपयोग बंद करवा दिया गया है।
कमेटी ने इस बारे में भी जानकारी दी है कि नगर निगम भी इस साल से ठंड में लोगों को राहत देने के लिए जलाए जाने वाले अलाव में भट्टी का इस्तेमाल ना करते हुए इलेक्ट्रिक अलाव की व्यवस्था करेगा। इस बैठक के दौरान निगमायुक्त प्रतिभा पाल, कलेक्टर इलैया राजा टी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
ऐसे कम किया जाएगा वायु प्रदूषण
शहर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए कुछ बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसके मुताबिक शहर की सीमा के आसपास जो ढाबा संचालक रोटी बनाने के लिए भट्टी या तंदूर का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इनका इस्तेमाल ना करने के निर्देश दिए जाएंगे।
स्कूल बसों के साथ कमर्शियल वाहनों की भी नियमित रूप से प्रदूषण जांच की जाएगी। पेट्रोल पंप पर भी नियमित जांच होगी और शहर की सीमा पर पीयूसी केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
मुक्तिधाम में परिजनों का अंतिम संस्कार करने आने वाले लोगों को को गोकाष्ट का उपयोग करने के लिए कहा जाएगा ताकि लकड़ियों का इस्तेमाल कम से कम किया जा सके।