Indore News : इंदौर वासियों के लिए खुशखबरी, इंदौर को स्वच्छता के बाद मिला एक और अवॉर्ड।

Gaurav Sharma
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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट।  इंदौर शहर ने एक बार फिर से देश में अपना नाम बुलंद किया है। दिव्‍यांगजनों के पुनर्वास में इंदौर देश में सबसे आगे रहा है और इस बड़ी उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सांसद शंकर लालवानी को सम्‍मानित किया है। इस अवसर पर सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक भी मौजूद थे। सांसद शंकर लालवानी ने इंदौर को मिली इस बड़ी उपलब्धि के लिए शहरवासियों का आभार माना है और उसका श्रेय शहर की जनता के साथ ही जिला प्रशासन और सामाजिक संस्था को दिया है।

Indore News : इंदौर वासियों के लिए खुशखबरी, इंदौर को स्वच्छता के बाद मिला एक और अवॉर्ड।

इंदौर जिले में करीब 1,700 दिव्यांगजनों को सहायक यंत्र एवं सहायक उपकरण वितरित किए गए हैं। साथ ही, दिव्यांग स्कूलों की स्थापना एवं सहायता और 2 आवासीय छात्रावास स्थापित किए गए हैं। केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में भी इंदौर आगे रहा है। इंदौर में बौद्धिक दिव्‍यांगता के लिए करीब 3,000 लोगों को मासिक सहायता दी जा रही है, साथ ही, सुगम्‍य भारत अभियान के तहत 2,200 से ज्‍यादा निजी, सार्वजनिक परिसरों, संस्‍थानों, बैंकों, सरकारी कार्यालयों, स्‍कूल एवं कॉलेज भवनों, अस्‍पतालों, सुविधाघर एवं एटीएम को बाधामुक्‍त बनाया गया है। सांसद शंकर लालवानी ने इंदौर को दिव्यांगजनों के लिए फ्रेंडली सिटी बनाने का आह्वान किया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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