Indore News : जेल में बंद भाइयों को राखी बांधकर भावुक हुईं बहनें

Amit Sengar
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Indore News : इंदौर के जिला और सेंट्रल जेल में रक्षाबंधन का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान महिलाओं ने जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधी। वहीं, जेल में बंद महिला बंदियों से राखी बंधवाने उनके भाई भी जेल में पहुंचे। बता दें कि जेल प्रशासन की ओर से आने वाले भाई और बहनों के लिए मिठाई राखी और पूजन का सामान जेल की कैंटीन में ही उपलब्ध कराया गया।

आंखों में आंसू, हाथों में पूजा की थाली…भावुक हुईं बहनें

बता दें कि दोनों जेल पर रक्षाबंधन के दिन मुलाकातियों की भीड़ को देखते हुए जेल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर ली थी। जेल के बाहर बैरिकेडिंग कर स्टाफ की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई थी। नियमानुसार अनुसार भाई और बहनों को जेल में एंट्री दी गई और खुशनुमा माहौल में बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधते हुए आगे जिंदगी में बुरे काम ना करने और समाज में एक बेहतर इंसान बनने का संकल्प बहनों को भाइयो ने दिया। जेल में बंद भाई से मिलने पहुंची बहन की आंखें आंसुओं से भीगी हुई थी कहीं भाई अपनी बहन के आंसू पहुंचते दिखे तो कई बहनें अपने भाइयों के आंखों से आंसू पोछते नजर आए। सेंट्रल जेल की अधीक्षक अलका सोनकर ने रक्षाबंधन के पर्व पर शासन के आदेश के बाद मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर विस्तृत जानकारी मीडिया को देते हुए खुशनुमा हाल में रक्षाबंधन का जेल में मनाना बताया।

इंदौर के जिला जेल में भी शासन के आदेश अनुसार रक्षाबंधन का महापर्व मनाया गया । पूरी व्यवस्थाओं के साथ आने वाले भाई और बहनों को नियम के मुताबिक जेल में रक्षाबंधन मनाने का पूरा इंतजाम जेल प्रबंधन द्वारा किया गया।
इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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