बच्चा बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 10 महीने की बच्ची का करने वाले थे सौदा

Gaurav Sharma
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इंदौर,आकाश धोलपुरे। इंदौर महिला थाना पुलिस ने ईवा वेलफेयर सोसायटी के साथ संयुक्त कार्रवाई कर, बच्चा बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। मौके से एक महिला और एक पुरुष को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपी 10 माह की बच्ची को एक लाख 20 हजार रुपए की कीमत पर बेचने के लिए सौदा करने वाले थे। लेकिन इसके पहले ही पुलिस ने उन्हें धरदबोचा।

दरअसल, ईवा वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष भारती द्वारा महिला थाना पुलिस को शिकायत की गई थी कि एक महिला और पुरुष द्वारा बच्चे को बेचने के लिए सौदा किया जाने वाला है। सूचना मिलने पर तत्काल महिला थाना पुलिस द्वारा एक योजना बनाकर आरोपियों का इंतजार किया गया और जैसे ही गिरोह इंदौर के रानी सती गेट के पास बच्चे का सौदा करने पहुंचा तो पुलिस ने घेराबंदी कर, मौके से एक महिला और एक पुरुष को पकड़ कर गिरफ्तार कर लिया। वही 10 महीने की बच्ची को बरामद कर बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है, जिसके बाद समिति ने मासूम बच्ची को इलाज के लिए एम.वाय.अस्पताल में भर्ती करा दिया है।

पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना नाम शिल्पा और बबलू निवासी परदेशीपुरा बताया है। बताया ये भी जा रहा है कि दोनों ही आरोपी पेशे से मेडिकल स्टाफ से जुड़े हुए हैं। फिलहाल, पुलिस दोनों आरोपियों से बच्ची की जानकारी जुटा रही है। बच्ची किसकी है और कहां से लाई गई है इस बात का भी पता लगाया जा रहा है। पुलिस को जानकारी मिली कि है कि पूर्व में भी कई बच्चियों को पैसे की लालच में गिरोह ने बेचने का काम किया है। फिलहाल दोनों ही आरोपियों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। इधर, 10 माह की बच्ची मेडिकल की टीम की निगरानी में है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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