राजपूत क्षत्रिय समाज ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का फूंका पूतला,दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

इंदौर, आकाश धोलपुरे। मुम्बई में महराष्ट्र सरकार द्वारा कंगना रानौत के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई और अपमान के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। जबसे बीएमसी ने कंगना के मुंबई स्थित आवास और ऑफिस को तोड़ा है तब ही से राजपूत समाज में बेहद नाराजगी है। इसी के चलते रविवार को इंदौर के रिगल तिराहे पर राजपूत क्षत्रिय महासभा के कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर महाराष्ट्र के उद्धव सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपना विरोध जताया।

फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार से नाराज चल रहे राजपूत समाज ने इंदौर के रीगल चौराहा पर प्रदर्शन करने के साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का पुतला भी जलाया। राजपूत समाज के कुलदीप जादौन और राखी सिंह चौहान ने बताया कि राजपूत समाज कंगना रनौत के समर्थन में है। राजपूत समाज ने चेतावनी दी है कि महाराष्ट्र सरकार को नारी पर अत्याचार करना महंगा पड़ेगा और पूरा राजपूत समाज शिवसेना का सामना करने के तैयार है। यदि देश के सामने उद्धव ठाकरे माफी नहीं मांगते है तो राजपूत क्षत्रिय समाज उग्र आंदोलन करेगा।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।