इंदौर, आकाश धोलपुरे। महू तहसील में एक माह पहले प्रदेश का सबसे बड़ा राशन घोटाला सामने आया था जिसके बाद पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई को अंजाम देकर प्रारंभिक तौर पर 50 कराेड़ रुपये के घोटाले को उजागर किया था। राशन घाेटाले में बीते एक महीने से फरार माेहन अग्रवाल को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, पुलिस के आला अधिकारियों के मानें तो इस बड़े राशन घोटाले के सर्वेसर्वा स्वयं गिरफ्तारी देने पहुँचा था।
बता दें कि राशन घोटले के सामने आने के बाद हाल ही में पुलिस और प्रशासन की सयुंक्त कार्रवाई के दौरान मोहनलाल अग्रवाल मानपुर रेंज के बिचौली गांव के समीप जमीन पर अवैध अंडरग्राउंड टैंक मिला था। जहां से करीब 30 हजार लीटर केरोसिन जब्त किया गया था। इसके पहले राशन घोटाले के मामले में तीन आरोपियों को पुलिस ने पहले गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह पूरे मामले को लेकर बेहद संजीदा थे लिहाजा पुलिस सरगर्मी से मुख्य सरगना को तलाश रही थी। लेकिन गरीबों के राशन को गबन करने वाले मोहनलाल अग्रवाल की हिम्मत ही गबन हो गई और उसने पुलिस के सामने पेश होने का निर्णय लिया। अग्रवाल को डर सता रहा था कि वर्षो से कमाई गई काली कमाई पर शिकंजा कस चुका है ऐसे में भागने से फायदा नही लिहाजा तमाम कवायद कर चुका मोहन अग्रवाल आखिर में खुद ही जेल की सलाखों के पीछे जाने के लिए तैयार हो गया है और खुद ही पुलिस के सामने जा पहुंचा। इधर, अभी भी महू प्रशासन द्वारा राशन घोटाले में फरार रहे मोहन अग्रवाल की संपत्ति की जांच की जा रही है। पुलिस व प्रशासन अग्रवाल की बेनामी संपत्ति जिसमे वो जमीन भी शामिल है जो केरोसिन मिलने के बाद जांच के दायरे में है। पुलिस काे ये जानकारी भी मिली है इस जमीन पर अग्रवाल ने कंट्रोल से ब्लैक किए जा रहे केरोसिन काे स्टाेर करने के लिए टैंक बना रखा है। इसके बाद पुलिस, प्रशासन व खाद्य विभाग की टीम माैके पर पहुंची व टैंक काे तलाशा। जिसमें से करीब 30 हजार लीटर केरोसिन मिला था। दरअसल, सितंबर महीने में प्रसाशन ने करीब 50 करोड़ के राशन घोटाले का खुलासा किया था। 17 अगस्त काे एसडीएम अभिलाष मिश्रा को शिकायत मिलने के बाद जांच में पता चला था कि एक गोदाम में सरकारी राशन के करीब 600 कट्टे चावल के रखे हुए हैं और ये गोदाम नागरिक आपूर्ति निगम के परिवहनकर्ता मोहनलाल अग्रवाल के बेटे मोहित का निकला वही जांच के दौरान गरीबो का हक लूटने वालो ने फर्जी बिल भी दिखाए थे।इसके बाद हुई पड़ताल में सामने आया कि मोहनलाल अग्रवाल ने अपने सहयोगी व्यापारी आयुष अग्रवाल, लोकेश अग्रवाल और शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालकों के साथ मिलकर राशन की हेरा-फेरी की है।
मामले में परिवहनकर्ता मोहनलाल अग्रवाल के अलावा बेटे मोहित और तरुण, सहयोगी आयुष अग्रवाल, लोकेश अग्रवाल सहित 4 राशन दुकान संचालक और सोसायटी के प्रबंधक पर किशनगंज और बड़गोंदा में केस दर्ज करवाया गया है। फिलहाल मुख्य आरोपी मोहन अग्रवाल सहित चार आरोपियों को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार कर लिया है, वही पूछताछ के बाद इस पूरे मामले में 20 सालों की काली कमाई और काले कारनामों को अंजाम देने वालो को पुलिस नही बख्शेगी। इंदौर आईजी योगेश देशमुख की मानें तो मोहनलाल अग्रवाल ने खुद सरेंडर किया और अब महाघोटाले की जांच में पुलिस जुटी हुई है।