इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में कोरोना (Corona) तेजी से फैल रहा है ऐसे में कोरोना महामारी को रोकने के लिए तमाम प्रयास सरकार और प्रशासन द्वारा किये जा रहे है। सोमवार को इंदौर में कुछ ऐसा हुआ कि हर कोई हैरान रह गया दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रो में घूमकर मंत्री तुलसी सिलावट (Minister Tulsi Silvassa) और कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) कोरोना के हालातो का जायजा मैदान में उतरकर ले रहे थे। इसी दौरान मंत्री सिलावट और कलेक्टर का प्रशासनिक अमला सांवेर के ढाबली गांव में पहुंचा तो ग्रामीणों ने गांव की सीमा पर ही सबको रोक दिया। जिसके पीछे की वजह ऐसी सामने आई कि हर कोई हैरान रह गया।
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दरअसल, इंदौर के ढाबली गांव में ऐसी जागरूकता देखने को मिली जिसका अनुकरण प्रदेश के अन्य ग्रामों में भी होने की कामना इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट भी कर रहे है। हुआ यूं कि सांवेर जनपद के ढाबली गांव में प्रवेश करने वाला रास्ता ग्राम वासियों ने बैरिकेडिंग करके रोका हुआ है और आज इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट और कलेक्टर मनीष सिंह भ्रमण के दौरान वहां पहुंचे तो वो ग्रामीणों द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को लांघ नही सके। दरअसल, ग्राम ढाबली में ग्रामीणो ने ‘मेरा गांव कोरोना मुक्त गांव अभियान’ के तहत गांव की घेराबंदी कर दी है और गांव में अब न तो कोई आ सकता है और ना गांव से कोई जा सकता है। इस अभियान को ग्रामीणों ने सख्ती से लागू किया है। सोमवार को जब मंत्री तुलसी सिलावट और कलेक्टर का क़ाफ़िला गांव में पहुँचा तो ग्राम वासियों ने बैरिकेडिंग के अंदर से ही खड़े होकर उनसे चर्चा की और गांव में जनता कर्फ्यू (Janata Curfew) के पालन की जानकारी दी। वही ग्रामीणों के इस प्रयास को प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट और कलेक्टर मनीष सिंह जमकर सराहा और कहा कि ऐसे ही प्रयासों से हम गांवों में कोरोना संक्रमण को रोकने में सफल होंगे। बता दे कि ग्रामीणजनों ने गांव में अंदर आने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग के साथ ही रंगोली भी बना रखी है और इसके माध्यम से मास्क लगाने और ग्रामवासियों से जनता कर्फ़्यू पालन का पालन करने की अपील भी की जा रही है। इधर जब पूरे काफिले को रोका गया तो मौक़े पर उपस्थित राज्य आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉक्टर निशांत खरे ने भी ग्रामवासियों की जागरूकता को प्रदेश के प्रेरणादायी बताया। वही मंत्री सिलावट ने तो ग्रामीणों द्वारा रोके जाने का स्वागत किया है।
फिलहाल, ये कहा जा सकता है कि ग्राम ढाबली द्वारा तैयार किया गया ये मॉडल कोरोना संकट काल के दौरान समूचे प्रदेश में लागू हो सकता है जिसके लिए प्रशासन और सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए है।