MP Rail : यात्रीगण कृपया ध्यान दें, रेलवे ने निरस्त की इंदौर से चलने वालीं ये स्पेशल ट्रेन

Atul Saxena
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MP Rail News : यदि आप ट्रेन से सफ़र करते हैं तो ये खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है,  पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने यात्रियों की सुविधा के लिए इंदौर से शुरू की तीन ग्रीष्मकालीन स्पेशल ट्रेनों के संचालन को बंद कर दिया हैं, रेलवे ने जिन ट्रेनों के फेरे बढ़ाये थे उन फेरों को निरस्त कर दिया है साथ ही रतलाम मंडल की कुछ अन्य  ग्रीष्मकालीन ट्रेनों को निरस्त कर दिया है।

इन तीन ट्रेन का संचालन हुआ बंद 

जानकारी के मुताबिक गर्मियों में रतलाम मंडल से जिन ग्रीष्मकालीन स्पेशल ट्रेनों को शुरू किया गया था अब उनमें यात्री संख्या लगातार कम हो रही है इसलिए रेलवे ने इन ट्रेनों के संचालन को निरस्त कर दिया है। जिन ट्रेनों को निरस्त किया गया हैं उनमें इंदाैर- पुणे – इंदौर स्पेशल साप्ताहिक एक्सप्रेस को 21 जुलाई से और महू – पटना- इंदौर स्पेशल ट्रेन को 22 जुलाई से निरस्त किया गया है वहीं इंदौर- श्री वैष्णोदेवी कटरा – इंदौर स्पेशल साप्ताहिक एक्सप्रेस को 28 जुलाई से निरस्त किया गया है। इसलिए यदि आप इन ट्रेन से कहीं यात्रा पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो IRCTC पर इन ट्रेनों का अपडेट देख लीजिये।

जून में बंद हो चुकी है दो ग्रीष्मकालीन ट्रेन 

गौरतलब है कि पश्चिम रेलवे ने इंदौर और महू से चलने वाली दो ग्रीष्मकालीन ट्रेनों को जून में ही निरस्त कर दिया था । इसमें से इंदौर – भिवानी – इंदौर और महू – दानापुर – महू ग्रीष्मकालीन स्पेशल ट्रेन को जून के अंतिम सप्ताह में बंद कर दिया गया था, जबकि तीन ट्रेनों को विस्तारित किया गया था।

पश्चिम रेलवे की ये ट्रेन भी निरस्त  

गर्मियां ख़त्म होने और यात्रियों की यात्रियों की संख्या घटने के कारण पश्चिम रेलवे ने सभी ग्रीष्मकालीन ट्रेनों को बंद कर दिया है। रेलवे ने बांद्रा टर्मिनस – अजमेर स्पेशल, वलसाड-जम्मुतवी स्पेशल, वलसाड – भिवानी स्पेशल,  मुंबई सेंट्रल – बनारस साप्ताहिक स्पेशल एक्सप्रेस, अहमदाबाद – पटना स्पेशल,  उधना – हिसार स्पेशल, उधना – भगत की कोठी वापी – इज्जत नगर स्पेशल,  सूरत – सुबेदारगंज स्पेशल, वलसाड – उदयपुर सिटी स्पेशल को भी बंद करने के निर्देश दिए हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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