इंदौर।
BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो से सांसद विष्णु दत्त शर्मा एक में जमाने इंदौर के सबसे लोकप्रिय छात्र नेता रहे हैं।वीडी शर्मा की नियुक्ति के बाद प्रदेश के जिल स्तर के संगठन बदलाव का असर देखने को मिलेगा। मध्यप्रदेश में वीडी शर्मा के पास शिवराज सिंह चौहान के बाद सबसे बड़ी टीम है। इन में सबसे ज्यादा युवाओं की टीम है। इंदौर भाजपा संगठन में कई बदलाव देखने को मिलेगे। इंदौर शहर में भाजपा संगठन की राजनीति में अब एक नए गुट का उभर कर सामने आएग। इंदौर के नए नगर-जिला अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला फिलहाल अधर में लटका हैं। राकेश सिंह की के जाने के बाद और वीडी शर्मा के आने के बाद इसका सीधा असर नई नियुक्ती पर पडेंगा। अब नगर अध्यक्ष की दावेदारी के समीकरण और उम्मीद प्रदेश संगठन के नए मुखिया के आने के साथ ही बदल गए हैं।
वीडी शर्मा ने खजुराहो से सांसद बनने से पहले भाजपा के छात्र संगठन अभाविप में क्षेत्रीय संगठन मंत्री के तौर पर लंबी पारी खेली। शर्मा के दौर में अभाविप को मजबूत संगठन माना जाता था। कई ऐसे मौके आए जब अभाविप के कार्यकर्ताओं ने अपनी ही प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और प्रदर्शन किए। इसके पीछे वीडी शर्मा का ही हाथ माना जाता था। अभाविप में रहते हुए ही वीडी शर्मा ने युवा कार्यकर्ताओं के रूप में अपने समर्थकों की लंबी फौज तैयार की है। इसमें इंदौर के खासे कार्यकर्ता शामिल हैं। इनमें से अब ज्यादातर युवा मोर्चा और भाजपा में आ चुके हैं। इंदौर के कद्दावर नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय गुट से वीडी शर्मा की आपस में बनती नही दिख रही हैं।
विजयवर्गीय गुट के दावेदारों में चिंता
इंदौर के नगर अध्यक्ष की दौड़ में शामिल विजयवर्गीय गुट के दावेदारों के लिए वीडी शर्मा के अध्यक्ष बनने के बाद चिंता बढ़ गई है। ऐसे में अब कई संगठन मंत्री बदले जा सकते हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे है। संगठन में अब युवा और नए लोगों को बड़ी जिम्मेदारियां मिल सकती है। शहर में नए प्रदेश अध्यक्ष के आने के बाद उनके पुराने समर्थकों के ताकतवर होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। नगर अध्यक्ष की दौड़ में शामिल उमेश शर्मा, कमल वाघेला के चेहरे पर भी शर्मा की नियुक्ति पर असर पड़ेग।