Fri, Dec 26, 2025

इंदौर में जूते पहन पूजा करते पुजारी की फोटो वायरल, लोगों ने किया विरोध तो पुजारी ने दी ये सफाई

Written by:Harpreet Kaur
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इंदौर में जूते पहन पूजा करते पुजारी की फोटो वायरल, लोगों ने किया विरोध तो पुजारी ने दी ये सफाई

इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) विश्वप्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती के मौके पर श्रद्धालुओं का सैलाब सड़को पर दिखाई दिया और सभी भक्तों ने गर्भगृह के दूर से दर्शन कर रणजीत बाबा से आशीर्वाद लिया और प्रार्थना की है कि जल्द से जल्द शहर और देश को कोरोना महामारी (Corona epidemic) से मुक्ति दिलाये। वही इस बीच मंगलवार सुबह से ही बाबा रणजीत की पूजा को लेकर एक बड़ा विवाद शुरू हो गया। जिसके बाद मंदिर के पुजारी ने सफाई भी दी।

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यह थी विवाद की वजह
दरअसल, सोमवार रात को मंदिर के वर्षों पुराने पुजारी पंडित दीपेश व्यास का एक फोटो और वीडियो सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो गया। तस्वीरों को देखने के बाद भक्तों का आक्रोश फूट पड़ा और कई लोगो ने तो मंदिर के पुजारी को हटाने तक कि मांग सोशल मीडिया पर कर दी। दरअसल, जो तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है उसमें पंडित दीपेश व्यास जूते पहने रणजीत हनुमान मंदिर (Ranjeet Hanuman Mandir) के गर्भगृह में पूजा करते नजर आ रहे है। इसके बाद ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोग तीखी प्रतिक्रिया देने लगे।

इधर, इस पूरे मामले में विरोध की बयार उठने के बाद स्वयं पंडित दीपेश व्यास सामने आए और उन्होंने बताया कि तस्वीरों में जो दिख रहा है वो सच नहीं है बल्कि सच्चाई ये है कि जिस वक्त वो पूजा कर रहे थे उस वक्त उन्होंने गर्भगृह में जूते नहीं पहन रखे थे बल्कि पैरों में उन्होने ऊन और रेशमी वस्त्रों से निर्मित खड़ाऊ जैसे मौजे पहन रखे थे। मंदिर के पुजारी दीपेश व्यास ने बताया कि ऊनी और रेशमी वस्त्र का उपयोग हिन्दू धर्म में शुद्ध माना जाता है। वही उन्होंने बताया कि मन्दिर परिसर विशाल है मन्दिर में आते हुए पैरों में अनेक प्रकार के सूक्ष्म जीवाणु लग जाते है। इसलिये गर्भगृह में जाते समय कोरे ऊन या रेशमी वस्त्रों के खड़ाऊ पहने जाते है ताकि गर्भगृह में शुद्धता बनी रहे। वही उन्होने ये भी बताया कि वर्तमान समय में कोरोना के संक्रमण से सुरक्षा के लिए भी यह आवश्यक है। पुजारी दीपेश व्यास ने जूते पर उठे विवाद पर कहा कि 5 पीढ़ियों से बाबा की सेवा हमारे द्वारा की जाती रही है ऐसे में उनके खिलाफ इस तरह का अनर्गल प्रचार शोभा नहीं देता है।

 

फिलहाल, पुजारी की सफाई के बाद मामला शांत हो गया है लेकिन हनुमान जयंती के ठीक पहले उठे विवाद को लेकर भक्तों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे थे।

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