इंदौर, आकाश धोलपुरे। देश की सरहदों पर दुश्मनों के छक्के छुड़ा देने वाले सेना के रिटायर्ड अधिकारी व देश की सुरक्षा में लगे सेना के जवानों द्वारा अब कोविड-19 के सीवियर मरीजों के इलाज के लिए भी मैदान में उतर गए है। सेना के जवान तथा अधिकारियों ने प्लाज्मा डोनेशन कैंप में प्लाज्मा डोनेट किया।
इंदौर से सटे महू मिलिट्री हॉस्पिटल में इंदौर के एम.वाय. अस्पताल के सहयोग से देश का सबसे बड़ा ब्लड प्लाज्मा डोनेशन कैंप लगाया गया, जहां सेना के अधिकारियों की अभिप्रेरणा से न सिर्फ सेना के जवान और अधिकारियों ने ब्लड प्लाज्मा डोनेट किया बल्कि आम लोगों ने भी ब्लड प्लाज्मा डोनेट किया। इससे उनके शरीर मे विकसित एंटी बॉडीज का उपयोग कोरोना से पीड़ित गम्भीर मरीजों का इलाज किया जा सकेगा, खासकर उन सीनियर सिटीजन्स का जो कोविड की जंग में खुद को असहज महसूस करते हैं। शनिवार को आयोजित ब्लड प्लाज्मा डोनेशन कैम्प में करीब 22 जवानों व अधिकारियों ने ब्लड प्लाज्मा डोनेट किया। वहीं 8 सिविलियन्स ने भी मिलट्री हॉस्पिटल महू में ब्लड प्लाज्मा डोनेट कर जता दिया है कि कोविड की जंग में आम आदमी भी सेना के जवानों और अधिकारियों के साथ हैं।
मिलट्री हॉस्पिटल महू में लेफ्टिनेंट जनरल अनंत चन्द्रनारायनन ने बताया कि जब सेना में शामिल होकर सरहदों पर जवान और अधिकारी देश के लिए जान दे सकते है तो देश के अंदर भी वो लोगो की जान बचाने के लिए तत्पर है। वही ब्रिगेडियर अमित शर्मा ने कहा कि कोरोना से अन्य पीड़ितों को बचाने के लिए 30 जवान और अधिकारियों ने प्लाज्मा डोनेट किया ताकि सीवियर कोविड पेशेंट ठीक हो सके। उन्होंने एम.वाय. अस्पताल के पैथलॉजी विभाग का भी आभार माना और कहा कि अस्पताल प्रबंधन की मदद से ये संभव हो पाया।
इधर, एम.वाय. हॉस्पिटल और एमजीएम कॉलेज के हेड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन अशोक यादव ने बताया कि कोविड – 19 से स्वस्थ होने वाले मरीजों को एक एक कर ढूंढना मुश्किल हो रहा था. लेकिन देश के जवानों की मदद से संभव हो पाया कि ठीक होकर 20 दिन के भीतर करीब 30 जवान, अधिकारी और सिविलियन ने ब्लड प्लाज्मा डोनेट किया है और ये तब सम्भव हो पाया जब ब्रिगेडियर अमित शर्मा ने लोगो को मोटिवेट किया है। अब कलेक्ट किये गए ब्लड प्लाज्मा से 60 से 70 कोविड पेशेंट्स की जान बचाई जा सकेगी।