उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। उज्जैन (Ujjain) और इंदौर (Indore) में सरकारी दुग्ध संघ की ओर से दूध के भाव बढ़ा दिए गए हैं, जिस पर अब कानूनी विवाद होता दिखाई दे रहा है। जबलपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने वकील के माध्यम से दोनों ही जिलों के कलेक्टरों को नोटिस भेज दिया है। वकील ने अपने नोटिस में यह तर्क दिया है कि विक्रेता इस तरह से मिलकर सामूहिक फैसला नहीं ले सकते हैं। दोनों जिलों के कलेक्टर के साथ इंदौर और उज्जैन के दुग्ध विक्रेता संघ अध्यक्ष भरत मथुरावाला और मोहन वासवानी को भी नोटिस भेजा गया है।
हाल ही में फिर से दूध विक्रेता संघ की ओर से दूध के भाव 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। इसी बात पर एक लीगल नोटिस जारी करते हुए रेट कम ना करने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही गई है। ये सामाजिक कार्यकर्ता जबलपुर में भी ऐसा कर चुके हैं।
Must Read- स्कूल में बच्चों को पढ़ाती है कबाड़ से बनी यह शालू रोबोट, मिल चुके हैं कई सारे अवॉर्ड्स
उज्जैन और इंदौर में सामूहिक घोषणा कर दुग्ध विक्रेता संघ ने रेट बढ़ाने की बात कही थी। जिसके बाद 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। इस बढ़ोतरी के बाद दूध 56 रुपए प्रति लीटर हो गया था। बढ़ोतरी को देखते हुए जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक डॉ पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने उज्जैन इंदौर दूध विक्रेता संघ और दोनों कलेक्टरों को लीगल नोटिस भेजा है।
इसके पहले जब जबलपुर में दूध के भाव बढ़ाए गए थे तब भी उन्होंने आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की थी। उनकी याचिका को स्वीकार किया था जिसके बाद दूध विक्रेता संघ को बढ़ाई गई कीमत को निरस्त कर दूध उत्पादक द्वारा खुद ही मूल्य निर्धारित करने का फैसला लेना पड़ा था। इसके बाद जब साल 2009 में सामूहिक रूप से रेट में बढ़ोतरी की गई तो इस पर भी उन्होंने अवमानना याचिका दायर की थी जो अभी लंबित है।
भेजे गए नोटिस में यह कहा गया है कि इंदौर उज्जैन कलेक्टर को बढ़ाए गए भाव पर एक्शन लेना चाहिए। साथ ही दुग्ध विक्रेता संघ को अपनी घोषणा निरस्त करनी चाहिए नहीं तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
इस मामले में उज्जैन दुग्ध विक्रेता संघ के अध्यक्ष मोहन वासवानी का कहना है कि इस बार बारिश ज्यादा होने की वजह से हरे चारे का नुकसान हुआ है और किसान परेशान हैं। किसानों के हित को देखते हुए भाव 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया गया है। सरकारी डेयरी पर बढ़े भाव के बाद ही हमने भाव बढ़ाए है।