इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में शुक्रवार को गीता भवन सामने खुद को आग लगाने वाले माकपा नेता रमेश प्रजापति की मौत हो गई है। उन्हें 90 प्रतिशत जली हालत में एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
आत्मदाह के दौरान उनकी जेब से एनआरसी और सीएए विरोधी पर्चे भी मिले थे। हालांकि अभी तक कारण स्पष्ट नही हो पाया है कि प्रजापति ने यह कदम क्यों उठाया था। इधर परिजनों ने पुलिस से जांच की मांग की है।
दरअसल, रमेश प्रजापति शुक्रवार शाम सात बजे गीता भवन चौराहा स्थित एक ऑटोमोबाइल्स शोरूम के पास पहुंचे और बाेतल में भरा केरोसिन खुद पर उड़ेलकर आग लगा ली। उन्हें लपटों में घिरा देख लोग सकते में आ गए। घटनास्थल के पास रहने वाले डीएसपी सुनील तालान ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। तुकोगंज थाने के बीट जवान वहां पहुंचे और लोगों की सहायता से प्रजापति की आग बुझाकर एमवाय पहुंचाया गया था। यहां बर्न यूनिट में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन 90 प्रतिशत जलने के चलते रविवार रात उनकी मौत हो गई।
रमेश की जेब में सीएए और एनआरसी के विरोध में लिखे पर्चे भी मिले थे। प्रजापति रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी है। वे कई दिनों से सीएए और एनआरसी के विरोध में माणिकबाग और बड़वाली चौकी में पार्टी की ओर से प्रदर्शन कर रहे थे। माना जा रहा है कि इसी के विरोध में उन्होंने यह कदम उठाया। पुलिस का कहना है प्रजापित के बयान नहीं हाे सके हैं। इसलिए पता नहीं चला कि उन्होंने यह कदम क्यों उठाया?आत्मदाह को लेकर परिजन ने पुलिस से जांच की मांग की है।