प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (indore) में बीते 3 दिनों से प्रशासन ने कई रियायते देकर शहर को मुख्य धारा में लौटाने के प्रयास किये है और अब लॉक डाउन 4.0 (lockdown 4.0) की ओर है। ऐसे में शहर को लेकर जिला प्रशासन और इंदौर कलेक्टर (collector) ने एक रूपरेखा तैयार की है। इसका सीधा मतलब है कि पूर्व घोषणा के तहत ही लॉक डाउन से अभी इंदौर को अगले 2 सप्ताह तक मुक्ति नही मिलेगी और इसकी सीधी वजह है कोरोना (corona) के खतरनाक संक्रमण का शहर में बने रहना।
दरअसल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो आंकड़े हर रोज जारी किए जा रहे है उसमें मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती दिखाई दे रही है। ऐसे में पूर्ण रूप लॉक डाउन का खुलना एक तरह से शहर के स्वास्थ्य के लिए किसी बड़ी मुसीबत का सबब बन सकता है। बावजूद इसके जीवन को दोबारा पटरी पर लाने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रशासन और सरकार को लॉक डाउन खोलना मजबूरी भी है।
रेड जोन (Red zone) में शामिल इंदौर को 1 जून को लॉक डाउन 5.0 (lockdown 5.0) में प्रवेश करते ही लॉक डाउन के खोलने के लिए तैयार योजना के तहत अब शहर को 3 हिस्सो (3 zones) में बांटा गया है। जिसके तहत 29 गांव, मध्य क्षेत्र और शहरी क्षेत्र में इंदौर बांटा जाएगा। जहां 29 गांवो को लॉक डाउन के दौरान ज्यादा छूट मिलेगी वही कुछ रियायतें शहरी क्षेत्र को मिलेगी। वही कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर का मध्य क्षेत्र लॉक डाउन में रहेगा। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने इस मामले में ये भी साफ किया मध्य क्षेत्र में आंशिक छूट दी जा सकती है लेकिन उसके लिए दिन और समय तय रहेगा। हालांकि बीते कुछ दिनों से मिली छूट के बाद कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी भी प्रशासन के सामने आई है, लिहाजा प्रशासन अपील कर रहा है कि लोग कठिन परिस्थिति में नियंत्रण के लिए जागरूक रहे और 2 मीटर की दूरी एक दूसरे से बनाये रखना बेहद जरूरी है। वही बातचीत और बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहने। इसके अलावा हर समय अपने पास सेनेटाइजर रखे। वही प्रशासन द्वारा जिन शासकीय, अर्ध शासकीय व निजी कार्यालयों को शर्तो के साथ शुरू किया है वहां कार्यालय में पानी, साबुन सहित अन्य सभी जरूरी संसाधन रखना जरूरी है। प्रशासन मास्क, सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेसिंग को लेकर स्पॉट फाइन लगाने की भी तैयारी कर रहा है।