इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश में मंत्री दर्जा प्राप्त रहे कंप्यूटर बाबा (computer baba ) इन दिनों सेंट्रल जेल इंदौर के मेहमान हैं। दरअसल चार दिन पहले कंप्यूटर बाबा को इंदौर जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाबा पर आरोप था कि उन्होंने सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं जिला प्रशासन ने बाबा द्वारा कब्जा कर बनाए गए अतिक्रमण को भी ढहा दिया था।
कम्प्यूटर बाबा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह समेत कई लोगों ने इस कार्रवाई की निंदा की थी और इसे राज्य सरकार की मनमानी बताते हुए लोकतंत्र को कुचलने वाला वाकया बताया था। बाबा की गिरफ्तारी होते ही दिग्विजय सिंह ने तुरंत इंदौर जाने का कार्यक्रम बनाया था और बाबा से सेंट्रल जेल मिलने की बात भी कही थी। लेकिन सुबह होते ही दिग्विजय सिंह का दौरा निरस्त हो गया। हालांकि दूसरे दिन जीतू पटवारी समेत कुछ कांग्रेस के नेता बाबा से मिलने सेंट्रल जेल जरूर गए थे। मंगलवार को जैसे ही मतगणना शुरू हुई और रुझान कांग्रेस के विपरीत आते और भाजपा के पक्ष में जाते देखे, बाबा अचानक अकेले पड़ गए। मतगणना वाले पूरे दिन बाबा से मिलने उनके वकील के अलावा कोई नहीं पहुंचा। बुधवार को भी बाबा अकेले जेल में गुमसुम डले रहे।
सूत्रों की मानें तो अब बाबा सक्रिय राजनीति को छोड़ एक बार फिर वैराग्य का रास्ता अपना सकते हैं। लोगो को जिन्दगी का मर्म समझाने वाले बाबा दो दिन अकेले जेल में काटने के बाद अब शायद यह समझ चुके हैं कि राजनीति में कोई स्थायी मित्र नहीं होता और बाबा का जितना राजनीतिक उपयोग होना था हो चुका। अब बाबा किसी काम के नहीं और इसीलिए अब शायद वो राजनीतिक हलकों में हलचल मचाते नजर नहीं आएंगे, यह साफ तौर पर दिख रहा है।