Indore News : मध्य प्रदेश का इंदौर शहर हर छोटी से लेकर बड़ी चीजों के लिए चर्चाओं में रहता है। अभी हाल ही में शहर के तीन पेड़ चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल शहर में 3 पेड़ ऐसे हैं जो 200 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। अब इन पेड़ों को धरोहर घोषित करने की मांग उठाई जा रही है। यह पेड़ शहर के इतिहास की अनेक घटनाओं के साक्षी रहे हैं। इन पेड़ों में काफी ज्यादा इतिहास समेटा हुआ है। इन पेड़ों के आसपास काफी ज्यादा लोग रहना पसंद करते हैं। इंदौर नगरी के हर किस्से और घटनाएं इन पेड़ों को पता है। चलिए जानते हैं ये तीनों पेड़ कहा पर है और क्या खासियत है?
Indore : यहां मौजूद है तीनों पेड़
पहला पेड़ एमवाय अस्पताल के परिसर में है जो नीम का है। ये पेड़ 200 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस पेड़ में कई इतिहास समेटे हुए है। ये वहीं पेड़ है जिस पर सूर्यवंशी राजा एवं मालवा निमाड़ के गौरव अमझेरा के तत्कालीन राजा बख्तावरसिंह राठौर और उनके साथियों 10 फरवरी 1858 के दिन फांसी पर लटकाया गया था।
दूसरा पेड़ बरगद का पेड़ है जो आजाद नगर पुल के पास संवाद नगर में मौजूद है। ये पेड़ भी काफी विशाल और 200 साल से ज्यादा पुराना है। ये पेड़ भी कई इतिहास का साक्षी रहा है। दरअसल, 1 जुलाई 1857 के दिन अंग्रेजों के विरुद्ध फैले विद्रोह के दौरान कर्नल ड्यूरंड ने भागने की कोशिश की थी। लेकिन उन्हें तब ये मालूम पड़ा था कि पेड़ के तने में छुपे सिपाही उन्हें मार डालेंगे। इस वजह से वह नहीं भागे। इस घटना का भी ये पेड़ साक्षी है।
तीसरा पेड़ रेसीडेंसी कोठी परिसर में है जो बरगद का है। ये पेड़ भी 200 साल से ज्यादा पुराना है। इस पेड़ को भी इतिहास का गवाह माना जाता है। दरअसल, 7 सितंबर 1874 को होलकर सेना के शहादत खां को इस पेड़ पर फांसी पर फांसी की सजा दी गई थी। इस वजह से भी ये पेड़ काफी ज्यादा जाना जाता है।