पानी की वैज्ञानिक जांच में फेल हुए 135 सैंपल, कांग्रेस ने बताया 110 करोड़ का भ्रष्टाचार

जबलपुर। मोदी सरकार की स्मार्ट सिटीज़ में शुमार जबलपुर में यूं तो नलों से दूषित पानी आने की शिकायतें आम थीं लेकिन अब कॉन्ग्रेस ने नलों के पानी की वैज्ञानिक जांच करवाते हुए बड़ा खुलासा किया है। कांग्रेस ने शहर की अलग अलग 150 जगहों में नलों से आने वाले पानी की वैज्ञानिक जांच करवाई जिसमें से 135 सैंपल जांच में फेल हो गए। दूषित पानी की बड़ी वजह जलापूर्ति की पाईप लाईन्स का नालियों में डूबा होना है लेकिन जब जबलपुर नगर निगम पाईपलाईन्स के मैंटनेंस पर बीते 10 सालों में 110 करोड़ रुपयों की राशि खर्च कर चुकी है तो कांग्रेस ने इसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया है।

इधर, जबलपुर कलेक्टर ने दूषित जलापूर्ति की बात मानते हुए जांच और कार्यवाई के आदेश दे दिए हैं। देश की सबसे साफ नदियों में शुमार नर्मदा के किनारे बसे जबलपुर में जलापूर्ति व्यवस्था के ये हाल चौंकाने वाले हैं। यूं तो सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक जबलपुर नगर निगम घर घर पानी पहुंचाने वाली पाईप लाईन्स के मेंटनेंस के नाम पर 110 करोड़ रुपयों की राशि खर्च कर चुका है लेकिन ये नज़ारे सरकारी सिस्टम को हकीकत का आईना दिखा रहे हैं।नालों में डूबी टूटी-फूटी पाईप लाईन्स से लोगों के घर दूषित पानी पुहंच रहा है।अब तक नलों से गंदा पानी आने की शिकायतें आम थीं लेकिन कांग्रेस ने इसे वैज्ञानिक जांच करवाकर सही भी साबित कर दिया… जबलपुर में कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा ने शहर में अलग अलग 150 जगहों से पानी के सैंपल कलेक्ट करके उनकी लैबोरेटरी जांच करवाई जिसमें 135 सैंपल जांच में फेल हो गए।जांच रिपोर्ट में पानी में, ई-कॉली और कॉलीफॉर्म नाम के खतरनाक बैक्टीरिया पाए गए जो एक नहीं कई बीमारियों की वजह बन सकते हैं। इधर जब जबलपुर नगर निगम बीते दस सालों में पाईप लाईन्स के मेंटनेंस पर 110 करोड़ रुपयों का खर्च दिखा चुकी है तो कांग्रेस ने पानी के सैंपल की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए पूरे मामले में कार्यवाई की मांग की है। दूसरी तरफ स्वच्छता सर्वेक्षण में जबलपुर की रैंकिंग सुधारने की कवायद में लगे कलेक्टर जब रोज़ाना शहर की सफाई व्यवस्था का जायज़ा ले रहे हैं तो उन्होने भी घरों में दूषित जलापूर्ति होने की आंखोंदेखी पुष्टि की है।जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने नगर निगम को जलापूर्ति की पाईप लाईन नालियों से दूर शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं.. साथ ही कलेक्टर ने, पाईप लाईन्स के मेंटनेंस में हुए भारी भरकम खर्च की भी जांच करवाने की बात की है।इधर कलेक्टर के आदेश पर जबलपुर नगर निगम ने आनन फानन में नालों में डूबी पाईप लाईन्स को दुरुस्त कर उन्हें शिफ्ट करने की कार्यवाई शुरु कर दी है लेकिन सवाल उठता है कि स्मार्ट सिटी जबलपुर में भारी भरकम वॉटर टैक्स चुकाने के बाद भी लोगों को दूषित पानी पिलाने वालों पर कार्यवाई कब की जाएगी।


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