जबलपुर,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) के स्कूल विभाग (School department) के शिक्षक (Teachers) पदनाम (Designation) के लिए लंबे समय से तरस रहे है। सरकारे आई और गई पर शिक्षकों के पद में कोई बदलाव नहीं हुआ। इतना ही नहीं शिक्षक जिस पद पर नियुक्त हो रहे है उसी पद में वो सेवानिवृत्त(Retired) हो रहे है। मध्यप्रदेश के करीब 40 हजार से ज्यादा शिक्षक पदनाम दिए जाने को लेकर सरकार से निरंतर मांग कर रहे है पर उनकी सुनवाई किसी भी सरकार द्वारा नहीं की जा रही है।
वहीं विभाग में काम करने वाले सहायक शिक्षकों को उच्च श्रेणी शिक्षक की सैलरी (Upper class teacher’s salary) का लाभ तो मिला पर किसी को भी पदनाम नहीं मिला। पदनाम पाने की लड़ाई शिक्षक करीब 2 दशक से कर रहे है। सहायक शिक्षकों की भर्ती आखिरी बार साल 1993 में हुई थी। पूरे मामले में तमरहाई स्कूल में कार्यरत सहायक शिक्षक (assistant teacher) ने बताया कि कई वर्षों से शिक्षकों द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग से पदनाम (Designation) को लेकर मांग की जा रही है परंतु उनकी मांग की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
ये भी पढ़े- विवादों में घिरा कटनी कलेक्टर का यह आदेश , अतिथि शिक्षकों में आक्रोश
आगे तमरहाई स्कूल में कार्यरत सहायक शिक्षक ने बताया कि साल 2015 में आयुक्त लोक शिक्षण में तत्कालीन डायरेक्टर राजेश जैन की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश में 28 हजार सहायक शिक्षकों ने कमेटी को स्नातक उपाधि धारक (Graduate degree holder) पाया है, जिन्हे सहायक शिक्षक के पद से बढ़ा कर शिक्षक के पद पर पदोन्नत (Promote) कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन शासन ने रिपोर्ट पर अमल नहीं किया। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी कई सभआओं ने सार्वजनिक तौर पर शिक्षकों को पदनाम देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन उन्होंने भी अपना वादा पूरा नहीं किया।
वहीं मेडिकल संकुल में काम करने वाले सहायक शिक्षक ने बताया कि मध्यप्रदेश में लगभग 40 हजार से ज्यादा सहायक शिक्षक पदनाम के लिए मांग कर रहे है। कई सालों से पदनाम के लिए लड़ी जा रही लड़ाई को लेकर अब सरकार को उचित फैसला ले लेना चाहिए।
शिक्षकों के मुताबिक 30-35 साल सेवा देने के बावजूद भी कोई लाभ नहीं मिला है। वेतनमान जरुर उन्हें उच्च क्षेणी और व्याख्याता का मिला पर पदनाम नहीं मिला। वहीं साल 1974 में सहायक शिक्षक के पद पर भर्ती हुए शिक्षक विनोद देवपुरिया को करीब 40 साल की सेवा देने के बाद अंतिम तीन साल में सहायक शिक्षक से पदोन्नत कर शिक्षक बनाया गया।