अभिषेक कोल हत्याकांड का खुलासा, दोस्तों ने 10 हजार रूपये की मांग करने पर की थी हत्या, आरोपी गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार। शहर के बहुचर्चित अभिषेक कोल हत्याकांड का पुलिस ने आज खुलासा कर दिया है। दोस्तों ने 10 हजार रुपए की मांग को लेकर अभिषेक को मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त बटनदार चायना चाकू, काले रंग की पल्सर मोटर सायकिल एमपी 20 एमएफ 2600 एवं घटना के वक्त पहने हुये कपडे़ जब्त किए है।

दरअसल, 6 सितंबर को सुबह मरघटाई्र मोहल्ला मडई में एक युवक के मृत पडे होने की सूचना पर पहुंची पुलिस को मनोज कोल उम्र 42 वर्ष निवासी फक्कड बाबा मंदिर के पास रांझी ने बताया था कि  सुबह लगभग 5-30 बजे उसके बढ़े बेटे अभिषेक कोल उम्र 18 वर्ष के मरघटाई मोहल्ला मडई में रोड किनारे पड़े होने की जानकारी मिली थी। जब वहां तुंरत पहुंचा तो देखा कि उसका बेटा अभिषेक कोल रोड किनारे मृत पडा था, जिसके पेट, पीठ, दोनों हाथ, गर्दन व कमर में कई जगह चाकू के घाव थे, काफी खून बहा था।

वहीं शुरुआती जांच में पाया गया कि मृतक अभिषेक कोल रात 10 बजे घर से खाना खाकर निकला था, थाना रांझी में मृतक अभिषेक कोल के विरूद्ध पूर्व से 3 अपराध लूट, अवैध वूसली, एवं नकबजनी के पंजीबद्ध होकर न्यायालय में विचाराधीन हैं।

पुलिस की पूछताछ एवं पतासाजी करते हुये संदेही आकाश झारिया उर्फ सेठ जी, एवं गिरीश विश्वकर्मा को शारदा नगर स्थित गार्डन से अभिरक्षा में लेकर सघन पूछताछ की गयी, जिस पर पाया गया कि 5 सितंबर 2020 को आकाश झारिया का जन्मदिन था। आकाश झारिया अपने साथी  गिरीश विश्वकर्मा के साथ दोस्त की पल्सर मोटर सायकिल मांग कर घूमने निकला था। रात्रि में बडा पत्थर में एक मकान में बैठकर दोनों शराब पी रहे थे, तभी वहां अभिषेक कोल पहुंच गया और उसने उनके साथ शराब पी। शराब पीने के बाद तीनों पल्सर मोटर सायकिल में नशा करते एवं कारों के कांच फोड़ते हुये घूमते रहे, तथा रात्रि लगभग 3-30 बजे मडई में जब तीनों खडे हुये, तो अभिषेक कोल गिरीश से 10 हजार रूपये की मांग करने लगा और आकाश से अपनी गर्ल फ्रैंड से मिलवाने की जिद करने लगा, जिस पर आकाश झारिया ने गुस्से में आकर चाकू से अभिषेक कोल के पेट, पीठ में 4-5 घाव मारे। अभिषेक कोल कुछ दूर भाग कर आगे गिर गया, तों गिरीश विश्वकर्मा ने घायल होकर गिरे हुये अभिषेक कोल से चाकू से और कई वार किये, जिससे अभिषेक कोल की मौके पर ही मौत हो गयी। वहीं दोनों पल्सर मोटर सायकिल से भाग गये। आरोपी आकाश झारिया एवं गिरीष विश्वकर्मा की निशादेही हॉस्टल न. 3 के पीछे छिपाकर रखी हुई पल्सर मोटर सायकिल एवं 1 चायना का बटनदार चाकू तथा घटना के वक्त पहने हुये कपडे़ एवं मृतक अभिषेक कोल का पर्स जिसमें उसकी मार्कशीट, बिजली का बिल तथा आधारकार्ड की फोटो कॉपी रखी हुई है उन सब को पुलिस ने जब्त कर लिया है। पकड़े गये आरोपी आकाश झारिया एंव गिरीश विश्वकर्मा आपराधिक प्रवृत्ति के हैं, आकाश झारिया के विरूद्ध 3 आपराधिक प्रकरण लूट एवं मारपीट के एवं गिरीश विश्वकर्मा के विरूद्ध 2 आपराधिक प्रकरण चोरी एवं मारपीट के पंजीबद्ध है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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