मप्र हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, अंतरजातीय विवाह पर न की जाये कार्रवाई

MP High Court’s order on inter-caste marriage : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अंतरजातीय विवाह पर सुनवाई करते हुए बड़ा आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने 8 याचिकाओं पर सुरक्षित रखे अंतरिम आदेश को जारी करते हुए कहा है कि अगर व्यक्ति अपनी मर्जी से अंतरजातीय विवाह कर रहा है तो उस पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी। हाई कोर्ट ने यह अंतरिम आदेश मध्य प्रदेश धर्मस्वतंत्रता एक्ट 2021 पर दिया है।

हाई कोर्ट ने पूर्व में अंतरिम आवेदन पर सुनवाई पूरी होने के बाद सुरक्षित किया गया आदेश सुनाया। जिसमें साफ किया कि अंतरजातीय विवाह पर कार्रवाई न हो। हाईकोर्ट ने आठ याचिकाओं पर अपना अंतरिम आदेश सुरक्षित किया था। मामला मध्य प्रदेश शासन द्वारा लागू मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य एक्ट 2021 की संवैधानिक वैधता को चुनौती से सम्बंधित है। अंतरिम आदेश के जरिए अपनी मर्जी से अंतरजातीय विवाह पर कार्रवाई पर रोक की मांग से जुड़ा था। जिस पर कि अधिनियम की धारा 10 को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने धारा 10 के उल्लंघन पर कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है। धारा 10 में धर्म परिवर्तन के इच्छुक को कलेक्टर को आवेदन देने की शर्त लगाई गई थी।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....