जबलपुर में सर्राफा कारोबारियों ने चुनाव बहिष्कार का किया एलान, कहा- चुनाव आयोग से नहीं प्रशासन से है परेशानी

Shashank Baranwal
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Jabalpur News: जबलपुर में चुनाव आयोग व पुलिस प्रशासन की कार्यवाही से सर्राफा व्यापारियों में आक्रोश देखने को मिल रहा। जहां प्रशासन की कार्यवाही से सर्राफा का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिसके चलते सर्राफा एसोसिएशन जबलपुर के साथ महाकौशल और जबलपुर चैंबर ऑफ़ कॉमर्स कैट जैसी व्यापारिक संस्थाएं विधानसभा चुनाव एवं मतदान का बहिष्कार करने का एलान किया है।

10 हजार से ज्यादा सर्राफा कारोबारी नहीं करेंगे मतदान

जबलपुर में करीब दस हजार से ज्यादा सर्राफा कारोबारी परिवार सहित मतदान नहीं करेगें। बता दें विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जबलपुर सहित आसपास के जिलों में चेकिंग प्वाइंट बनाए है। सर्राफा कारोबारियों को चेकिंग के नाम पर परेशान किया जा रहा है। पिछले दिनों इंदौर से आए सर्राफा कारोबारी को पुलिस ने रोककर लाखों रुपए के जेवर जब्त कर आयकर विभाग को सौंप दिया था। वहीं अभी तक व्यापारी के जेवर वापस नहीं मिल पाए है। इसी तरह मंडला, रतलाम व सागर में भी चेकिंग के नाम पर सर्राफा कारोबारियों को परेशान किया जा रहा है। जिसके चलते जबलपुर सर्राफा कारोबारियों ने बैठक कर निर्णय लिया है कि वे अपने परिवार के मिलकर मतदान का बहिष्कार करेगें।

निर्वाचन आयोग से नहीं पुलिस प्रशासन से परेशानी

सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि पुष्य नक्षत्र, धनतेरस व दीपावली सालभर का सबसे बड़ा त्यौहार होता है जिसमें अधिकतर लोग सोने-चांदी की खरीदी करते है। लेकिन इस वर्ष विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की सख्ती से 50 हजार रुपए से अधिक नगदी या फिर जेवर मिलने पर जब्त किया जाएगा। इस तरह के निर्देश सर्राफा कारोबारियों के लिए परेशानी का कारण बन गए है। सर्राफा कारोबारियों ने यह भी कहा कि हमें निर्वाचन आयोग से नही बल्कि पुलिस प्रशासन से परेशानी है। जो रास्ता चलते रोककर तलाशी लेने लगते है। जिसके चलते व्यापारी दहशत में है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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