Jabalpur में बोले कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर “हर हिंदू दंपत्ति को 5-5 बच्चे पैदा करना चाहिए”, वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड बनाने की मांग की

वक्फ बोर्ड की तरह देश में सनातन बोर्ड बनाने की भी मांग देवकीनंदन ठाकुर ने की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से वक्फ बोर्ड को जमीन मिल रही है, उसी तरह से सनातन बोर्ड का भी गठन किया जाए।

Shashank Baranwal
Published on -
Devkinandan Thakur

Jabalpur News: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर गुरूवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में पहुंचे। दरअसल, देवकीनंदन ठाकुर की 17 मई से 23 मई तक पाटन विधानसभा के ग्राम पवई में कथा होनी है, जिसमें न सिर्फ जबलपुर बल्कि आसपास के जिलों से सैकड़ो लोग कथा सुनने के लिए जिले में पहुंच रहे हैं।

हिंदू तभी सुरक्षित जब तक बहुसंख्यक

जबलपुर में आज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि भारत में हिंदू तभी तक की सुरक्षित हैं, जब तक की बहुसंख्यक हैं। यही वजह है कि मैं पहले भी कहा था और आज फिर कह रहा हूं कि देश की हर हिंदू दंपति को पांच-पांच बच्चे पैदा करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फैमिली प्लानिंग सिर्फ हमारे ऊपर ही क्या लागू होती है। हिंदुओं की दशा अगर देखनी है तो पाकिस्तान और बांग्लादेश जाकर देख सकते हैं कि कैसे हाल में वह लोग अपना जीवन जी रहे हैं।

सनातनियों का वोट वर्तमान सरकार को मिल रहा

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जब तक देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं लागू होता है तब तक हर हिंदू को पांच-पांच बच्चे पैदा करना चाहिए। देवकीनंदन ठाकुर ने राजनेताओं पर भी निशाना साधते हुए राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल से कहा कि कृष्ण जन्मभूमि में मंदिर बनवाने का वादा करें तो 2029 में देश के सभी सनातनी उन्हें ही वोट देंगे। लेकिन 2024 में तो सभी सनातनियों का वोट वर्तमान की सरकार को मिल रहा है, क्योंकि 500 साल बाद अयोध्या में भगवान रामलला के मंदिर को इस सरकार ने स्थापित करवाया है।

सनातन बोर्ड बनाने की मांग की

वक्फ बोर्ड की तरह देश में सनातन बोर्ड बनाने की भी मांग देवकीनंदन ठाकुर ने की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से वक्फ बोर्ड को जमीन मिल रही है, उसी तरह से सनातन बोर्ड का भी गठन किया जाए और उन्हें भी यह तमाम तरह के अधिकार दिए जाएं।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News