जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना काल मे जबलपुर जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर और नर्स अपनी ड्यूटी को किस तरह अंजाम दे रहे हैं, ये देखने को मिला जिला अस्पताल में जहाँ ह्रदय रोग से ग्रसित मरीज को इलाज के बिना ही वापस भेज दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी ने नर्स और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
दरअसल फूटा तालाब में रहने वाले एक बुजुर्ग को सीने में तकलीफ हुई और उन्हें तुरंत ही इलाज के लिए जिला अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन वार्ड में न ही डॉक्टर थे और न ही नर्स। काफी देर तक परेशान होने के बाद आखिरकार परिजन मरीज को लेकर जिला अस्पताल से बाहर निकले और इलाज के लिए उन्हें निजी अस्पताल ले गए। जिला अस्पताल में पूरे मामले का एक वीडियो भी वायरल हुआ है और यह वीडियो जबलपुर कलेक्टर से लेकर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी तक जा पहुंचा।
इस बुजुर्ग को साँस लेने तकलीफ होने के चलते विक्टोरिया अस्पताल ले जाया गया था जहां वार्ड में ना नर्स थी, ना ही कोई डॉक्टर मौजूद था। मरीज के परिजन घंटों परेशान होते रहे। इस दौरान उन्होंने वार्ड में तैनात कई अन्य नर्सों से संपर्क भी किया पर उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली। लिहाजा थक हार कर परिजन अपने मरीज को लिए और इलाज के लिए निजी अस्पताल पहुंच गए।
इलाज को लेकर शुरू हुई राजनीति
जिला अस्पताल में हृदय रोग से पीड़ित एक मरीज को इलाज नहीं मिल रहा है, यह सूचना जब क्षेत्र के पूर्व पार्षद गुड्डू नबी को लगी तो वो तुरंत अस्पताल पहुंच गए और वहां पर परिजनों के साथ जमकर हंगामा किया। पूर्व पार्षद का आरोप है कि यह पहली दफा नहीं है कि जब जिला अस्पताल में इस तरह की लापरवाही सामने आई है। आए दिन जिला अस्पताल में मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ होता रहता है और विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए बैठे हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लिया
हृदय रोग से पीड़ित मरीज इलाज के लिए तड़प रहा था लेकिन वार्ड में न ही ड्यूटी डॉक्टर थे और न ही नर्स। लिहाजा जब पूरा मामले ने तूल पकड़ा और इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और जिला मुख्य मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लगी तो उन्होंने आनन-फानन में वार्ड में तैनात नर्स से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही ड्यूटी डॉक्टर से भी जवाब तलब किया है।