जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश के बाशिंदों को जल्द ही महंगाई का नया झटका लग सकता है। ये झटका अपना घर बनाने का सपना देख रहे लोगों को झेलना होगा। दरअसल राज्य सरकार के निर्देश पर तमाम जिलों में जमीनों के सर्किल रेट तय करने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। बीते 5 सालों से कलेक्टर गाइड लाइन में जमीनों के दाम नहीं बढ़ाए गए थे जबकि कमलनाथ सरकार ने साल 2018-19 में जमीनों के दाम फ्लैट 20 परसेंट घटा दिए थे। ऐसे में राजस्व के नए जरिए तलाशने के सरकारी निर्देशों पर, कलेक्टर गाईडलाइन के जरिए जमीनों के सरकारी दाम 25 फीसदी तक बढ़ाए जा सकते हैं।
जबलपुर में भी साल 2021-22 के लिए कलेक्टर गाइडलाइन से जमीनों के दाम तय करने की प्रक्रिया ज़ोरों पर है। पंजीयन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वो गाइडलाइन से ऊंची दर पर हुई प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त की जांच कर रहे हैं। इसके लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अलावा कई सरकारी विभागों से भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं, जिसके बाद जमीनों के दामों में अनुपातिक वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। जिन इलाकों में रजिस्ट्रियां ज्यादा और ऊंची कीमत पर हुईं होंगी वहां दाम सबसे ज्यादा बढ़ाने का प्रस्ताव है जबकि कम रजिस्ट्री वाले इलाकों में वृद्धि भी कम होगी। जबलपुर के जिला पंजीयक रजनेश सोलंकी के मुताबिक हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के जरिए हुई विभागीय बैठक में पंजीयन विभाग को गाइडलाइन प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया गया था जिसके बाद जमीनों में अनुपातिक वृद्धि का प्रस्ताव बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सोलंकी के मुताबिक कोरोना संकट घटने के बाद प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त भी बढ़ी है और बीते 5 सालों में जमीनों के दाम ना बढ़ने जबकि 2018-19 में दाम 20 फीसदी घटाए जाने के चलते इस बार ज़मीनों के दाम बढ़ना तय है।