जबलपुर, संदीप कुमार| कांग्रेस सेवादल के पूर्व अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर कांग्रेस में घमासान शुरू हो चुका है। दो गुटों में चल रही गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है। हर बार की तरह आपसी मनमुटाव का कारण सामने आया है। कांग्रेस सेवादल (Congress Sevadal) के पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र यादव (Satyendra Yadav) को पार्टी से यह कहकर निष्कासित कर दिया गया है कि उनकी गतिविधि पार्टी विरोधी थी।
यह जानकर हैरानी होगी कि निष्कासित होने के दो दिन पहले पार्टी उन्हें राष्ट्रीय संगठन में जगह देती है। इस बात को लेकर सत्येंद्र यादव खुद हैरान है। उनका कहना हैे कि पार्टी विरोधी गतिविधियां क्या की गई है यह तो बताया ही नहीं गया है, पार्टी के मजबूती के लिए जो बना किया और हमेशा करता रहूंगा। मालूम हो कि 31 दिसम्बर को सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने सत्येंद्र यादव को अभा स्तर पर सेवादल में संगठन संरचना और समीक्षा विभाग का राष्ट्रीय प्रभारी बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी।
मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस पार्टी छोड़ने पर सत्येंद्र यादव ने भी सेवादल के प्रदेश प्रमुख से इस्तीफा दे दिया था। जिसे बाद में स्वीकार करने के बाद पूर्व विधायक ठाकुर रजनीश हरवंश सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस दौरान से अभी तक सत्येंद्र यादव कांग्रेस पार्टी में ही बने रहे तथा हाल ही में उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सेवादल की उक्त बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
कोई नोटिस नहीं मिला, कार्रवाई हुई है तो वह गलत
कांग्रेस सेवादल के पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र यादव ने कहा कि निष्कासन का कोई लेटर उन तक नहीं पहुंचा है, अगर उन पर यह कार्रवाई हुई हैं तो वह गलत है। निष्कासन के पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है जो मुझे दिया गया नहीं है। निष्कासन की कार्रवाई का अधिकार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को रहता है लेकिन मेरे निष्कासन कार्रवाई में ऐसा कुछ नहीं किया गया।
एक गतिविधि बता दो, जो विरोधी है
कांग्रेस सेवादल के पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र यादव ने कहा कि बेवजह आरोप लगाए जा रहे हैं कि मैने पार्टी विरोधी गतिविधियां की है। अगर एक गतिविधि भी पार्टी विरोधी निकाल जाए तो निष्कासन क्या बर्खास्त कर दिया जाए।