जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर में जो रेमडेसिवीर इंजेक्शन आए थे वह कंपनी के होकर भी नकली थे, क्योंकि यूएस की कंपनी ने अपनी जांच के दौरान पुलिस को यह जानकारी दी है कि हमारी कंपनी या फिर हमारे बैच नंबर के इंजेक्शन जबलपुर में नहीं आए हैं। यह खुलासा किया है कि एसआइटी प्रमुख रोहित कासवानी ने।
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दरअसल, मध्यप्रदेश में नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन प्रकरण चलने के बाद जब कई दिग्गज लोग इसमें आरोपी बने तो पूरे देश मे हड़कप मच गया। नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन के तार मध्यप्रदेश के साथ साथ गुजरात से भी जुड़े और जब पुलिस ने इसमें अपनी जाँच शुरू की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एसआइटी प्रमुख रोहित कासवानी ने बताया कि जिस कंपनी के इंजेक्शन जबलपुर में मिले हैं उस कंपनी ने बैच नंबर जांच कर यह बताया कि है ये इंजेक्शन उनकी कंपनी के नहीं है। यूएस कंपनी के द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि जो भी इंजेक्शन जबलपुर में सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा के पास से मिले थे वह उनकी कंपनी के नहीं थे और बैच नंबर भी गलत था, लिहाजा ऐसे में अब यह स्पष्ट हो गया है कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी को भी यह पता नहीं था कि उनकी कंपनी के नाम वाले इंजेक्शन भारत में नकली तरीके से बन रहे हैं।
इस मामले की शुरुआत गुजरात से हुई थी। अभी तक प्रकरण में गुजरात पुलिस ने सपन जैन, सुनील मिश्रा, कौशल वोरा और पुनीत शाह को गिरफ्तार किया है जिन्हें प्रोडक्शन वारंट में लाने के लिए जल्द ही पुलिस की एक टीम गुजरात जाएगी। एएसपी रोहित कासवानी का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ में खुलासा होगा कि ये नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन कहां और कैसे बनाते थे।