निजी कंपनी को लीज पर दी गई सरकारी जमीन, किसानों ने किया विरोध, उठाई ये मांग

जबलपुर, संदीप कुमार।जिले की सैकड़ों एकड़ की जमीन नागपुर की एक निजी कंपनी को लीज पर दी गई है, जिस पर किसानों ने विरोध जताया है। किसानों की मांग है कि अगर जमीन लीज पर ही देनी है तो पहले हमें दें।

दरअसल, जिले से करीब 16 किलोमीटर दूर भेड़ाघाट के पास सात गांव में सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन पड़ी हुई है। ये जमीन नर्मदा किनारे होने की वजह से उपजाऊ और बेशकीमती है। इसमें से कुछ जमीन पर स्थानीय गांव के किसान खेती करते हैं। इसका जुर्माना भी वे राज्य शासन में जमा  करवाते हैं, लेकिन अब ये जमीन नागपुर की एक निजी कंपनी को लीज पर दे दी गई है।इस जमीन पर जो किसान कई सालों से खेती करते आ रहे थे उनके सामने अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।