पिता ने ही अपनी बेटी की हत्या कर की थी आत्महत्या, पुलिस जांच में खुलासा

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार।  हनुमानताल थाना  क्षेत्र में 17 मार्च 2021 को प्रेम सागर पुलिस चौकी के पीछे रहने वाले एक पिता ने अपनी 5 साल की पुत्री के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide)कर ली थी।  इस मामले में हनुमानताल पुलिस (Police) की जांच में सामने आया है कि पिता ने बेटी की पहले हत्या (Murder) की और फिर स्वयं भी फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली थी, इस मामले में मृतक पिता को दोषी पाया गया जिस पर पुलिस ने 302 प्रकरण दर्ज किया।

हनुमानताल टीआई उमेश गोल्हानी ने बताया कि विगत 17 मार्च को प्रेम सागर पुलिस चौकी के पीछे निवासी संतोष केशरवानी के मकान में किराए से रहने वाले रामकृष्ण सोंधिया एवं उसकी बेटी 5 वर्षीय गुड़िया उर्फ सपना की फांसी लगने के कारण मौत हो गई थी। दोनों के शव कमरे में फंदे पर लटके मिले थे। जिस पर पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई कर शवों का पोस्टमार्टम कराते हुए मर्ग कायम कर मामले की विवेचना शुरू की।

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गुस्से में आकर उठाया था कदम

मर्ग जांच, पीएम रिपोर्ट एवं परिजनों तथा अन्य लोगों के कथनों में यह पाया गया है कि मृतक रामकृष्ण मूलत: मनगवां जिला रीवा का निवासी था, जो वर्तमान में यहां पर किराए से रहता था। कुछ समय पहले उसका अपनी पत्नी से विवाद हुआ और वह मायके चली गई थी। जिस कारण रामकृष्ण गुस्से में था। मृतका गुड़िया उर्फ सपना जिस फंदे से फांसी पर लटकी मिली, वह करीब 9 फिट की उंचाई पर था। गुड़िया और उसके पिता की मौत का समय भी एक जैसा पता चला है। जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि गुस्से में आकर पिता रामकृष्ण ने पहले अपनी बेटी गुड़िया को फांसी पर लटकाकर हत्या की, इसके बाद खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, इसलिए मर्ग जांच, पीएम रिपोर्ट एवं घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों के आधार पर आरोपी मृतक पिता रामकृष्ण के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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