पूर्व मंत्री का दावा- जीत कांग्रेस की होगी, सच परेशान हो सकता है पराजित नहीं 

Atul Saxena
Published on -

जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर हुए उप चुनाव (by election) की मतगणना (counting) मंगलवार 10 नवम्बर को  होनी है, प्रदेश की दोनों  बड़ी राजनीतिक पार्टियां भाजपा (bjp) और कांग्रेस (congress) अपनी अपनी जीत का दावा भी कर रही है। इस बीच मध्यप्रदेश के पूर्व सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया का भी दावा है कि कल आने वाले परिणाम उनके ही पक्ष में आएंगे।

अंक गणित और बीज गणित पर चल रही है भाजपा

मध्यप्रदेश के पूर्व सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया का कहना है कि चलते चुनाव में  दमोह के  विधायक को खरीदना ये स्पष्ट करता है कि भाजपा घबराहट में है और चुनाव में कुछ भी परिणाम आ सकते हैं ।अंकगणित और बीजगणित में वह लोग चल रहे हैं लेकिन जब जनता चुनाव लड़ती है तो ना अंकगणित काम आता है और न ही बीजगणित , वहां सिर्फ जनता ही काम आती है और कल रिजल्ट जनता देगी।

कांग्रेस अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त 

पूर्व मंत्री ने कहा कि कल जो परिणाम आने वाले हैं  वो कांग्रेस  के ही समर्थन में आएंगे और इस जीत के लिए पूर्व मंत्री पूरी तरह से उत्साहित भी दिखे।उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि जनता सच का साथ देगी, सच परेशान हो सकता है पराजित नहीं। वही निर्दलीय और अन्य पार्टियों  के विधायक से भाजपा के सम्पर्क को लेकर पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा कि ये भाजपा के लिए चिंता का विषय है, हो सकता है कि उनके पास कोई रिपोर्टिंग होगी जिस आधार पर  वो लोग इस काम मे जुटे हैं । इस दौरान उन्होंने एक कहावत भी कही की “न नाक दूर-न हसिया” कल देख लेते हैं ।

एग्जिट पोल को पूर्व मंत्री ने बताया गलत

10 नवंबर को आने वाले परिणाम से पहले एग्जिट पोल मध्यप्रदेश में पुनः भाजपा की सरकार  बना रहे हैं  जिस पर भी पूर्व मंत्री ने सवाल खड़े किए हैं ।उन्होंने कहा कि दिल्ली में क्या एग्जिट पोल सही निकला,2018 में जब मध्यप्रदेश में चुनाव हुए थे उस समय क्या एग्जिट पोल बता रहे थे कि कांग्रेस की सरकार बन रही है इसलिए एग्जिट पोल पर ज्यादा भरोसा करना सही नहीं ।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News