Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है। जहां एसडीएम के रीडर के साथ मिलकर केंद्रीय जीएसटी के चार अधिकारियों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र सत्यापन का फर्जीवाड़ा किया गया है। हालांकि विभाग के तरफ से चारों जीएसटी अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है। लेकिन चारो अधिकारी अभी फरार चल रहे हैं।
सीएसजीएसटी की विजिलेंस टीम जांच में जुटी
इस पूरे मामले में विजयनगर थाना पुलिस ने अधारताल एसडीएम के रीडर संजय पुराविया और चारों अधिकारियों के खिलाप एफआईआर दर्ज कर लिया है। वहीं जबलपुर कलेक्टर ने रीडर संजय को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान उसकी पदस्थापना शहपुरा तहसील में की गई है। इधर इस पूरे मामले की जांच करने में अब सीजीएसटी की विजिलेंस टीम जुट चुकी है।
एसडीएम ने की फर्जीवाड़े घोटाले की जांच
बता दें कि केंद्रीय जीएसटी में पदस्थ टैक्स अधीक्षक मुकेश बर्मन, मनीष कोशरिया, सतीश रैकवार और राजेश बर्मन ने फर्जी तरीके से अपने जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन एसडीएम अधारताल के रीडर संजय पुराविया से करवा लिया था। वहीं एसडीएम अधारताल शिवाली सिंह को जब इस पूरे मामले में फर्जीवाड़ा लगा तो उन्होंने स्वयं जांच करके इस घोटाले को पकड़ा। एसडीएम के रीडर ने चारों ही अधीक्षक के जाति प्रमाण पत्र पर फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर करके उनका सत्यापन कर दिया था।
डायरेक्टर जनरल ने जांच के दिए थे निर्देश
गौरतलब है कि देश के कुछ शहरों में एससी-एसटी और ओबीसी के गलत जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करते हुए बहुत से अधिकारियों ने नौकरी पा ली थी। इसी शिकायत को देखते हुए पूरे देश में डायरेक्टर जनरल का विजिलेंस की तरफ से एक पत्र सभी जीएसटी आयुक्त को जारी कर जांच करवाने के निर्देश दिए गए थे।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट