जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (jabalpur) के दमोह नाका स्थित न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल मे 1अगस्त को हुए अग्निकांड हादसे के बाद नियम विरुद्ध जिले मे खुले अस्पतालों से संबंधित मामले मे दायर हुई याचिका में आज फ़िर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट मे सुनवाई हुई। अग्निकांड हादसे मामले मे चल रही जांच पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आखिर क्यों अग्नि हादसे मे सरकारी जिम्मेदारों को आरोपी नहीं बनाया गया हैं।
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हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले मे राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि राज्य शासन द्वारा बनाई गई कमेटी जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करें। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा है कि पुलिस द्वारा की जा रही जांच और आरोपी बनाए गए समस्त व्यक्तियों की रिपोर्ट बन्द लिफाफे में अगली सुनवाई मे पेश करो। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार को यह अंतिम अवसर दिया जा रहा है। यदि अगली सुनवाई में राज्य सरकार सन्तोषजनक जबाब नही दे पाती हैं तो स्वतंत्र जांच एजेंसी से जाँच करवाई जाएगी।
जबलपुर के दमोह नाका स्थित न्यू लाइफ मल्टी सिटी हॉस्पिटल मे 8 लोंगों की मौत के बाद जब हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई तो राज्य सरकार ने आनन फानन मे कमिश्नर के नेतृत्व मे जाँच कमेटी गठित कर दी और जबलपुर के 136 निजी अस्पतालों की जाँच करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए यह भी कहा कि अग्निकांड हादसे में जब अस्पताल के 6 संचालकों को आरोपी बनाया गया है तो फिर उन जिम्मेदार अधिकारियों को क्यों छोड़ दिया गया जिन्होंने अस्पताल को क्लीन चिट दी थी। अब इस मामले में अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।