जबलपुर। जबलपुर हाई कोर्ट में मुख्य चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल एवं जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगल पीठ ने सभी रिट पिटीशन को आगामी 28 जनवरी 2020 तक सुनवाई करने के निर्देश दिए है। खास तौर पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा पिछड़ा अन्य पिछड़ा वर्ग को 14% से 27% का आरक्षण करते हुए संपूर्ण आरक्षण को 50% से ज्यादा 63% पहुंचा दिया गया।
इन याचिकाओं में राज्य शासन द्वारा जारी संशोधन अधिनियम 2019 को चुनौती दी गई एवं मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा इसके आधार पर प्रारंभ की गई नियुक्ति प्रक्रिया को भी चुनौती दी गई है।नियुक्ति का मुख्य आधार यह है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप राज्य शासन 50% से अधिक आरक्षण नहीं कर सकता पर अक्टूबर 2019 में यह आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने दलील दी कि जो आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बढ़ाया गया है उसका कोई आधार नही है साथ ही इस आरक्षण के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग से परामर्श लिए बिना ही बढ़ाया गया है।याचिका में यह भी बताया गया कि बिना किसी सर्वेक्षण के ही संपूर्ण आरक्षण लागू कर दिया गया जो कि असंवैधानिक है। अब हाई कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए आगामी 28 जनवरी 2019 का समय दिया है।