लचर अनाज भंडारण व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा एक्शन प्लान, 23 अगस्त तक पेश करने के आदेश

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Jabalpur News

जबलपुर, संदीप कुमार। खुले में पड़े-पड़े खराब हो रहे अनाज को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने राज्य शासन और भारतीय खाद्य आपूर्ति निगम को बीते 5 साल कि अनाज भंडारण क्षमता और खरीदी का संपूर्ण ब्यौरा पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हाईकोर्ट एक्शन प्लान भी पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।

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दरअसल जबलपुर हाईकोर्ट में ओपन कैप में रखे अनाज के खराब होने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार बड़ी तादाद में अनाज की खरीदी करती है। लेकिन समुचित भंडारण क्षमता के अभाव में खुले में पड़े पड़े सड़ जाता है। और फिर सरकार उस अनाज को सड़ने के बाद निर्माताओं को शराब बनाने के लिए कौड़ियों के दाम पर बेच देती है। याचिका में कहा गया है कि इस साल जुलाई में राज्य शासन ने करीब 10 लाख टन अनाज की खरीदी की है जिसका बड़ा हिस्सा खुले में पड़ा हुआ है। बाद में अनाज के सड़ने पर उसे 2 से 3 रूपए प्रति किलो के हिसाब से शराब निर्माता कंपनियों को बेच दिया जाएगा और ऐसा हर साल होता है सरकार किसानों से अनाप-शनाप रेट पर खरीदी करती है और फिर कम दाम में भेज देती है। इससे टैक्स चुकाने वाली जनता को नुकसान होता है।


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Harpreet Kaur

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