अस्पताल की मनमानी, कोरोना रिपोर्ट आते ही मरीज को किया बाहर, इलाज के दौरान मौत

जबलपुर, संदीप कुमार। जिला कलेक्टर ने कल ही कोरोना संक्रमितों मरीजों के इलाज हेतु निजी अस्पतालों को निर्देश दिये थे, बावजूद इसके अस्पतालों का रवैया बदलने का नाम नहीं ले रहा। ताजा मामला जबलपुर की शेल्वी अस्पताल का सामने आया है जहाँ उद्योग परिक्षेत्रीय कार्यालय के संयुक्त संचालक आरसी कुरील (60 वर्ष) शेल्वी अस्पताल की मनमानी का शिकार हो गए। परिजनों का आरोप है कि इलाज के दौरान रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही उन्हें आधी रात को शैल्बी हॉस्पिटल से बाहर कर दिया गया। बाद में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया लेकिन दो दिन बाद मंगलवार को उनकी मौत हो गई।

रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही उद्योग विभाग के संयुक्त संचालक को आधी रात निकाला बाहर, दो दिन बाद मौत

हृदय संबंधी समस्या होने पर संयुक्त संचालक को कुछ दिन पहले विजय नगर स्थित शैल्बी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। कोविड-19 पॉजिटिव आने पर संयुक्त संचालक को 29 अगस्त की रात को इलाज करने से इनकार करते हुए मरीज को बिना ऑक्सीजन के एम्बुलेंस में ही घंटों लिटाए रखा। परिजन दूसरे निजी अस्पताल भी ले गए, लेकिन पलंग, और वेंटीलेटर की कमी बताकर भर्ती करने से इनकार कर दिया। आखिर में उन्हें नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मरीज एम्बुलेंस में, परिजन भटकते रहे

मृतक की पत्नी शशि कुरील का आरोप है कि हृदय सम्बंधी समस्या होने पर आरसी कुरील को शैल्बी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। कई दिन तक इलाज के बाद सेहत में सुधार नहीं होने पर कोविड जांच कराई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर अस्पताल प्रबंधन का व्यवहार बदल गया। मरीज को पहले आईसीयू, फिर कुछ देर बाद प्राइवेट वार्ड में रखा गया। बार-बार जगह बदलने के बाद रात करीब 12.30 बजे अस्पताल से निकाल दिया गया। कुरील दो घंटे तक एम्बुलेंस में पड़े रहे। अस्पताल प्रबंधन ने परिजन को डिस्चार्ज व भुगतान सम्बन्धी फार्मेल्टी के लिए रोके रखा।

ऑक्सीजन सपोर्ट तक नहीं दिया

यह भी आरोप है कि जिस एम्बुलेंस से कुरील को भेजा गया, उसमें ऑक्सीजन सपोर्ट तक नहीं था। डिस्चार्ज के दौरान उन्हें घंटों रोके रखने फिर अस्पतालों के चक्कर काटने में समय लगने से मरीज की हालत बिगड़ गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने कहा है कि शैल्बी अस्पताल के खिलाफ शिकायत मिली है। गम्भीर लापरवाही है। जांच कमेटी गठित की जा रही है। कमेटी प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार हुआ या नहीं, इसकी जांच करेगी। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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