जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने आज छात्र हित में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। फैसले में गरीब और पिछड़े वर्ग के होनहार छात्रों को तत्काल विद्यालय में प्रवेश (MP School admission) देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट के इस फैसले से छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। सुनवाई के बाद मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुश्रुत धर्माधिकारी की एकल पीठ ने गरीब और पिछड़े वर्ग के होनहार छात्र को मॉडल स्कूल में तत्काल प्रभाव देने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल जबलपुर निवासी अहफाजुरहमान अंसारी द्वारा उत्कृष्ट विद्यालय में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर ली गई थी। छात्र को स्कूल का आवंटन भी कर दिया गया था लेकिन प्रवेश लेने गए छात्र को प्रवेश देने से मना कर दिया गया। दलील पेश करते हुए स्कूल प्रशासन ने कहा कि आठवीं कक्षा में छात्र के 50% अंक होने की वजह से उसे प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
इस मामले में छात्र की ओर से वकील नरिंदर पाल सिंह रूपराह द्वारा दलील पेश की गई। दलील पेश करते हुए कहा गया कि प्रावधान के तहत छात्र द्वारा प्रवेश परीक्षा पास किया गया था और आठवीं में मात्र 33% अंक हो, यह दोनों अदाएं छात्र के पास है। बावजूद उसके उसकी योग्यता को दरकिनार किया गया है और उसे प्रवेश से वंचित किया गया है।
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जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग और मॉडल स्कूल प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि छात्रों को तत्काल नौवीं कक्षा में प्रवेश दिया जाए। जिससे छात्र का भविष्य खराब ना हो। अधिवक्ता द्वारा दलील पेश करते हुए कहा गया कि मॉडल स्कूल को हमेशा छात्रों के बेहतर प्रोफाइल पर ध्यान देना चाहिए और मेधावी छात्रों को प्रवेश में वरीयता देनी चाहिए
इससे छात्रों में प्रतिभा का विकास होगा और मॉडल स्कूल देश में ब्रांड बनकर उभरेंगे। हालांकि इससे पहले भी हाईकोर्ट के निर्देश पर इस तरह के मामले में छात्रों को राहत मिली है और एक बार फिर से हाईकोर्ट ने स्कूल को तत्काल प्रभाव से छात्र को प्रवेश देने के निर्देश दिए हैं।