जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (Jabalpur) में कोतवाली थाना प्रभारी अनिल गुप्ता पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए भाजपा (BJP) महानगर के चार मंडल अध्यक्षों ने एसपी (SP) व एडीशनल एसपी (Additional SP) को ज्ञापन सौंपा। अधिकारीयों से मुलाकात कर शिकायत पत्र सौंपते हुए तत्काल स्थानांतरण की मांग की है। मंडल अध्यक्षों का आरोप है कि थाना प्रभारी संभ्रांत नागरिकों से भी बदतमीजी करने से कोताही नहीं बरतते हैं। साथ ही अपशब्दों का प्रयोग भी करते हैं। इस तरह के आरोप थाना प्रभारी पर पहले भी लगते रहे हैं। बहरहाल, वरिष्ठ अधिकारियों ने उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर फिलहाल भाजपा नेताओं को टाल दिया है।
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टीआई अनिल गुप्ता ने की थी व्यपारियों से अभद्रता
कोतवाली थाना प्रभारी अनिल गुप्ता द्वारा विगत दिवस एक मंडल अध्यक्ष से अभद्रता किये जाने का मामला सामने आया है। बताया गया है कि मंडल के एक पदाधिकारी के घर आये उनके रिश्तेदार के साथ थाना प्रभारी द्वारा अभद्र व्यवहार करते हुए थाने ले जाने का प्रयास किया जा रहा था। इसी बीच दीनदयाल मंडल अध्यक्ष अभिषेक तिवारी भी वहां पहुंच गए। मंडल अध्यक्ष द्वारा अपना परिचय देने के बाद थाना प्रभारी को आम लोगों से शालीनता के साथ व्यवहार करने की बात कही गई। जिस पर टीआई गुप्ता बिफर गए। इसी बात से नाराज भाजपा के चार मंडल अध्यक्षों ने बुधवार को पहले एडीशनल एसपी रोहित काश्वानी और फिर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा से मुलाकात कर थाना प्रभारी की शिकायत की। जानकारों के अनुसार अधिकारियों ने इस बात को स्वीकार किया कि कोतवाली थाना प्रभारी के अशिष्ट व्यवहार को लेकर कई शिकायतें उन तक पहुंची हैं।
पूर्व मंत्री की शरण में
जानकारों के अनुसार थाना प्रभारी को जैसे ही इस बात की जानकारी लगी कि चार मंडल अध्यक्ष उनकी शिकायत को लेकर पुलिस अधीक्षक के पास गए हैं। तो वे मप्र शासन के पूर्व मंत्री के घर पहुंच गए। जहां लगभग एक घन्टे से ज्याद समय वे बैठे रहे। बताया जा रहा है कि इसके पहले भी वे अधारताल व माढ़ोताल थाना में पदस्थ रहते हुए जनप्रतिनिधियों से अशिष्ट व्यवहार कर चुके हैं। जिसके चलते उनका दतिया स्थानांतरण किया गया था। बाद में स्थानीय लोगों की मध्यस्था के बाद उनकी वापिसी हो सकी।
लाॅकडाउन में व्यापारियों से अभद्रता
बताया गया है कि पिछले दिनों गल्ला मंडी से एक व्यवसायी को थाना प्रभारी उस वक्त ले गए जब वह बंद दुकान के बाहर खड़े होकर अपने मित्र का इंतजार कर रहे थे। इस बात की जानकारी जब अन्य दुकानदारों व सामाजिक लोगों को लगी तो उन्होंने थाना प्रभारी से उक्त व्यापारी को छोड़ने की बात कही। उल्टे समाज के प्रतिष्ठित लोगोें को थाना प्रभारी का कोपभाजन का शिकार बनना पड़ा।