जबलपुर,संदीप कुमार। जबलपुर का एक युवा इंजीनियर बीते 6 सालों से कृषि के नए नए तरीकों को विकसित करने में जुटा हुआ है, जबलपुर का यह युवा इंजीनियर ने अब खेत मे बुवाई के लिए ड्रोन का उपयोग करके एक नई मिसाल कायम की है,
इंजीनियर अभिनव ठाकुर ने अपनी तकनीक से न सिर्फ संस्कारधानी बल्कि मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में भी शहर का नाम रोशन किया है, ट्रेक्टर और सीडड्रिल की मदद से खेतों में बोवनी करने का तरीका अब बदल गया है और आने वाले समय में ड्रोन की मदद से खेतों में बीज बोया जाएगा, जबलपुर में रहने वाले अभिनव ने ऐसा ड्रोन बनाया है जो 30 किलो तक वजन उठाने की क्षमता रखता है, इसमें एक टैंक फिट किया है जिसमें धान या गेहूं के बीज को भरा जाता है और फिर खेत में उड़ाकर बीज को क्यारियों में छिड़का जाता है।
अभिनव ने बीएचयू के वैज्ञानिकों के बुलावे पर इसका प्रयोग यूपी मिर्जापुर के खेतों में भी करके दिखाया है,अभिनव ने बताया कि यूपी के अधिकतर जिलों में धान की कटाई होने के बाद ठंड का मौसम आ जाता है जिससे वहां के खेत सूख नहीं पाते और ट्रैक्टर सीडड्रिल से गेहूं की बोवनी करना मुश्किल हो जाता है इसके लिए गेहूं के बीज का छिड़काव किया जाता है जिसमें कई तरह की परेशानियां भी आती हैं, इस समस्या की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अपने ड्रोन को मॉडिफाई किया जिसमें टैंक के नीचे सीडड्रिल के जैसे छेद वाली फनल यानी चाड़ी लगाई और इसी के माध्यम से बीज नीचे गिरता है। इस प्रयोग के दौरान सैकड़ों किसान और कृषि वैज्ञानिक भी खेत मे मौजूद थे जिन्होंने इसे खेती का भविष्य बताया इसके लिये किसान को ड्रोन ऑपरेट करने का ज्ञान होना जरूरी है, मोबाइल या टेबलेट में गूगल मैप की मदद से खेत का नक्शा फीड किया जाता है जिसके बाद एक बार स्टार्ट करने पर यह बीज या बैटरी खत्म होने तक खुद ही खेत के एरिया के अनुसार बोवनी करता रहता है और बीज या बैटरी खत्म होने के बाद वापस अपनी जगह पर आटोमेटिक लैंड होकर रुक जाता है, ड्रोन एक बार उड़ान भरने के बाद 6 हेक्टेयर का क्षेत्र कवर करता है।
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Amit Sengar
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वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”