जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (jabalpur) में नकली इंजेक्शन (fake injection) मामले के आरोपी सिटी अस्पताल के संचालक बिल्डर सरबजीत सिंह मोखा का बेटा हरकरण सिंह मोखा बेहद ही शातिर निकला। आधी रात को वो पुलिस दल (police force) को उस स्थान पर ले गया जहां उसने सबूत नष्ट किये थे। सूत्रों के अनुसार जिन दो मोबाइलों, आई फ़ोन और सैमसंग फोल्ड से उसने नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन (remdesivir) की खरीदी की थी और उससे संबंधित मैसेज और अन्य जानकारियों का आदान- प्रदान किया था उसको पुलिस से बचाने के लिए दिल्ली (delhi) से लौटते वक्त हरकरण मोखा ने पाटन के पास पहाड़ी पर ले जाकर बड़े ही शातिराना अंदाज में पहले तोड़ा और फिर पत्थर पटक कर कुचला फिर अलग- अलग जगह उसके टुकड़े फेक दिए।
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सूत्रों के अनुसार पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद जब गंभीरता से आरोपी हरकरण से पूछताछ शुरू की तो पहले तो वह मोबाइलों को फ़ेकने की जानकारी देता रहा। लेकिन जब पुलिस के लगातार सवालों के वह जवाब नहीं दे पाया तब जाकर उसने सच उगला और आधी रात को पुलिस उसे लेकर बताए गए घटनास्थल पर पहुंची जहां उसने अपने मोबाइल तोड़ कर फेंके थे।
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इस कार्रवाई के दौरान मामले की जाँच कर रही एसआईटी में शामिल सीएसपी अखिलेश गौर, टीआई आर के मालवीय, टी आई रविन्द्र गौतम बल के साथ वहाँ मौजूद थे। रात में पुलिस साक्ष्य के लिए महत्वपूर्ण आरोपी हरकरण मोखा के मोबाइलों की तलाश कर रही थी।