जबलपुर ,संदीप कुमार। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) हाईकोर्ट (High Court) ने बिजली कंपनियों (Power companies) की टैरिफ याचिका पर विद्युत नियामक आयोग के फैसला सुनाए जाने पर रोक लगा दी है। 26 अप्रैल तक विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों की टैरिफ याचिका पर कोई आदेश पारित नहीं कर सकेगा। इस फैसले से आम लोगों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है।
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गौरतलब है कि टीकमगढ़ निवासी निर्मल लोहिया की ओर से दायर इस याचिका में दलील दी गई थी कि मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन (Madhya Pradesh Electricity Regulatory Commission) की धारा 12 के तहत बिजली टैरिफ संबंधी याचिकाओं पर आम नागरिकों को आपत्ति करने का अधिकार दिया गया है। जिसके माध्यम से नियामक आयोग आपत्तिकर्ता के तर्कों को सुनने के बाद टैरिफ याचिका पर फैसला लेता है। याचिकाकर्ता द्वारा बिजली कंपनियों की टैरिफ याचिका पर आपत्ति 3 मार्च 2021 को कमीशन के समक्ष प्रस्तुत की गई थी। लेकिन नियामक आयोग ने उनकी आपत्ति को स्वीकार नहीं किया और नए टैरिफ को लेकर जनहित सूचना भी जारी कर दी गई , इस जनहित सूचना के माध्यम से टैरिफ याचिकाओं पर आयोग जल्द फैसला भी पारित करने जा रहा है। याचिकाकर्ता ने कहा कि नियम के मुताबिक आपत्तीकर्ताओं को सुनें बिना नियामक आयोग फैसला नहीं कर सकती। याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नियामक आयोग की टैरिफ याचिकाओं पर आगामी फैसले और सुनवाई पर रोक लगाते हुए, अगली सुनवाई तक कोई भी आदेश पारित ना करने के निर्देश दिए गए हैं इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस विशाल भगत की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद नियामक आयोग की टैरिफ याचिकाओं पर आगामी फैसले और पर रोक लगा कर अगली सुनवाई तक कोई भी आदेश पारित ना करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट बिजली कंपनियों और प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दिया है। इस फैसले से आम लोगों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है।