बता दें कि इस संग्रहालय में प्रवेश करने वाले व्यक्ति को सुरक्षा में तैनात अधिकारी-कर्मचारी को अपनी आईडी दिखानी होगी, वही संग्रहालय में मौजूद जेल कर्मी नेताजी से जुड़ी बातों सहित मौजूद अभिलेख के संबंध में जानकारी भी आम जन के साथ साझा करेंगे, हम आपको बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस इसी जेल में बंद रहे और जिस पट्टी पर वह सोते थे वह आज भी यहां पर मौजूद है, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पट्टी पर रोजाना ही सभी कैदी फूल चढ़ाकर दिन की शुरुआत करते हैं, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126 वी जयंती है।
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जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने संग्रहालय का शुभारंभ होने के बाद बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जबलपुर से गहरा नाता रहा है,स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेज सरकार ने उन्हें इसी जेल में कैद रखा था, वर्ष 1818 में बने इस जेल को आजादी के बाद इसका नाम नेताजी के ही नाम पर दिया गया, जेल के बैरक में नेताजी से जुड़े सामान आज भी सुरक्षित रखे हुए हैं जबलपुर से जुड़े होने के कारण ही मेडिकल कॉलेज का नाम भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज रखा गया है, हम आपको बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 फरवरी 1897 में हुआ था,स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नेता जी को दो बार इसी जेल में कैद कर रखा गया था, वह इस कारागार में अध्ययन करते थे, नेताजी के साथ उनके भाई शरद चंद्र बोस भी जेल में बंद थे, 22 दिसंबर 1931 से लेकर 16 जुलाई 1932 तक पहली बार सुभाष चंद्र बोस को गिरफ्तार कर जबलपुर की इसी जेल में बंद कर रखा गया था।