Jabalpur News : जबलपुर हाईकोर्ट में अनूपपुर पुलिस की एक शर्मनाक करतूत का खुलासा हुआ है, एक मामले को लेकर हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान यह बात निकलकर सामने आई है कि पुलिस ने अपनी खुन्नस निकालने के लिए एक बेकसूर बेटे को ही उसी की मां का हत्यारा साबित करने की कोशिश की। हाई कोर्ट ने इस मामले की तह पर पहुंचने के बाद अनूपपुर पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए युवक की आजीवन कारावास पर न केवल रोक लगाई है बल्कि अनूपपुर पुलिस की कार्रवाई पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
यह है मामला
दरअसल, 4 साल से जेल में बंद सुदामा सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें उसके द्वारा यह कहा गया था कि, अनूपपुर पुलिस ने षड्यंत्र कर उसे उसी की मां के हत्या के झूठे आरोप में फंसाया है, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जब मामले की जांच करवाई तो बेहद ही चौंकाने वाले खुलासे सामने आए है, जांच में इस बात का पता चला है कि 2018 में सुदामा सिंह की मां की हत्या के आरोप में पुलिस ने अपनी खुन्नस निकालने के लिए उसी के बेटे सुदामा सिंह को हत्यारा साबित कर दिया, यही नहीं जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि पुलिस ने मौका ए वारदात पर झूठे सुबूत जुटाने के लिए आरोपी सुदामा सिंह के सिर के बाल तोड़ कर मृतका के हाथों में फंसा दिए गए थे। इसी तरह पुलिस ने इस झूठे केस को सच साबित करने के लिए तमाम सबूत और गवाह जुटाकर अनूपपुर की जिला अदालत में पेश किए थे जिसके बाद जिला अदालत ने सुदामा सिंह को हत्यारा ठहरा कर आजीवन कारावास की सजा सुना दी थी।
मामले में पीड़ित सुदामा सिंह की मां की हत्या की असल वजह अब तक सामने आ ही नहीं नहीं पाई है, जबकि पुलिस ने पीड़ित सुदामा सिंह को उसकी मां की हत्या के आरोप में फंसा कर यह कहा था कि, सुदामा सिंह ने अपनी मां के किसी और के साथ अवैध संबंध होने की आशंका में हत्या कर दी थी। कुछ साल पहले अनूपपुर जिले में 1 पावर प्लांट के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान सुदामा सिंह पुलिस पर हमले का आरोपी था और इसी बात की कुंदस निकालने के लिए पुलिस ने यह पूरा षड्यंत्र रच कर एक बेकसूर को हत्यारा साबित कर दिया था।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट