Jabalpur News : केंद्रीय जेल में राखी बंधते ही भाई-बहन के छलके आंसू

Amit Sengar
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Jabalpur News : जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल में रक्षाबंधन पर सुबह से बहने अपने कैदी भाईयों से मिलने के लिए पहुंची। जेल प्रशासन ने  रक्षाबंधन पर कैदियों भाईयों को उनकी बहनो से राखी बंधवाने के लिए व्यापक इंतेजाम करा रखे थे।  सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक केंद्रीय जेल के नेताजी क्रीड़ांगन मैदान में कार्यक्रम का आयोजन किया था।

1 हजार से अधिक बहनो ने लिया रक्षा का वचन

बता दें कि मैदान में 9 जिलों के कैदी भाईयों के लिए अलग अलग पंडाल लगाए गए थे। इन पंडालों के पास बहने पहुंचकर अपने भाईयों को राखी बाँध रही थी। जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन के त्यौहार पर राखी, मिठाई और तिलक तक का सारा इंतजाम कर रखा था। बहनो को बाहर से किसी भी प्रकार की सामग्री लाने की मनाही थी। बहने जब अपने भाईयों से जेल में मिली तो उनकी आँखे उन्हें देख कर नम हो गई। अपनी नम आँखों से बहनो ने अपने भाईयों को राखी बाँधी। भाईयों ने अपनी बहनो को उनकी रक्षा का वचन दिया। केंद्रीय जेल में सुबह से लेकर शाम तक तक़रीबन 1 हजार से अधिक बहनो ने अपने कैदी भाईयों को राखी बांधकर उनके रक्षा का वचन लिया।

जेल में लम्बे समय से सजा काट रहे कैदी भाईयों ने कहा की अपराध करना ठीक नहीं है अपराध करने के बाद जेल में एक एक दिन काटना मुश्किल हो जाता है। परिवार के साथ रहने में अच्छा लगता है लेकिन जेल में बिना परिवार के बहुत ही बुरा लगता है। कैदी भाईयो ने लोगो से अपराध से दूर रहने की अपील की है। वहीं दूसरी और भी एक नजरा देखने को मिला जो महिला बंदी, कैदी रहती हैं उनके भाई भी जेल मिलने पहुंचे।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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