Jabalpur News : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने फिर उठाए EVM की सुरक्षा पर सवाल, हाईकोर्ट में दायर की याचिका

प्रदेश में चल रहे पौधारोपण पर भी सवाल उठाते हुए इसमें भ्रष्टाचार होने की बात कही है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि एक तरफ प्रदेश सरकार पेड़ कटवा रही है तो दूसरी तरफ पौधारोपण जैसे कार्यक्रम कर रही है।

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Jabalpur News : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए जो नतीजे आए थे वह बहुत ही निराशाजनक रहें। लिहाजा इलेक्शन के बाद एक बार फिर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ईवीएम से हुई वोटिंग को लेकर अविश्वास जताया और कहा कि आज मैं हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रहा हूं, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर जो अविश्वास है, उसका जवाब ना हीं चुनाव आयोग दे रहा है और ना हीं सरकार।

चुनाव में नहीं हुआ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन

दिग्विजय सिंह ने कहा कि 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट का जो आर्डर निकाला है उस फैसले को ईमानदारी से चुनाव आयोग पालन नहीं करवाया है। इसके अलावा ऐसे कई मुद्दे हैं जिसके आधार पर मंगलवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रहा हूं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह हमारा हक बनता है जानने का कि हम जिसे वोट दे रहे हैं, वह जहां जाना चाहिए वह गया कि नहीं। उन्होंने कहा कि इलेक्शन फेयर एंड ट्रांसपेरेंट होना चाहिए जो कि नहीं हुआ यही वजह है कि इन सभी बिंदुओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा रही है।

प्रदेश में चल रहे पौधारोपण पर भी उठाए सवाल

जबलपुर में मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में चल रहे पौधारोपण पर भी सवाल उठाते हुए इसमें भ्रष्टाचार होने की बात कही है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि एक तरफ प्रदेश सरकार पेड़ कटवा रही है तो दूसरी तरफ पौधारोपण जैसे कार्यक्रम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का पौधारोपण अभियान रिकॉर्ड बनाने के होता हैं। पौधे लगवाना, गड्डे करवाना और फिर भ्रष्टाचार करना यह अभियान यहीं तक सीमित रह गया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि 20 रुपए का गड्डा और 30 रुपए का पौधा। अनुमानित एक पौधा लगाने में 50 रुपए मध्यप्रदेश सरकार खर्च कर रही है, समझा जा सकता है कि जब पूरे प्रदेश में पौधारोपण हो रहा है तो फिर कितने करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं और सरकार क्या इसकी गारंटी लें रहीं हैं कि यह जो पौधे करोड़ों रुपए खर्च करके लगाए जा रहे हैं उसमें कितने प्रतिशत पौधे जीवित रहेंगे।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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